जौनपुर की पहली न्यूज़ वेबसाईट राजेश श्रीवास्तव के नाम रही जिसे पत्रकार जगत हमेशा याद रखेगा |
http://www.shirazehind.com/2014/11/blog-post_865.html
जौनपुर मेरा वतन है मेरी पहचान है और यहाँ के लोगों से मुझे प्रेम है
इसीलिये मैंनेअपनी व्यस्ततासे समय निकाल के जौनपुर की पहली द्वीभाषीय वेबसाइट बनायीं और कोशिश करता रहा की इसकी अहमियत को वहां के लोग पहचाने और
वो भी अपनी आवाज़ दुनिया तक पहुंचा सकें | जौनपुर
के लोगों ने मुझे बहुत ही प्यार दिया और मेरे विचारों का स्वागत भी किया|
कई नए मित्र बने नए अच्छे लोग संपर्क मैं आये ,जिनके बारे मैं जल्द ही
लिखूंगा|
मैं जब भी मुम्बई से जौनपुर आता तो ये हुनर किसी न किसी को सीखाने की कोशिश अवस्य करता | इसी कोशिश में मैंने बहुतो के साथ मेहनत की और उन्हें इसकी अहमियत समझाया और उनकी वेबसाईट बनायी लेकिन उनकी आवाज़ दुनिया तक पहुंचाने में मुझे कामयाबी हासिल नहीं हो सकी|
ऐसे में एक दिन हमारे एक पत्रकार राजेश श्रीवास्तव जी से मुलाक़ात हुयी और उन्होंने आगे बढ़ के खुद से ये ख्वाहिश ज़ाहिर की कि उनकी एक न्यूज़ पोर्टल बनाया जाए | मैंने कुछ दिन उनका एक ब्लॉग बना दिया और उनसे कहा पहले धीरे धीरे सीखिए और इसमें लेख डालिये | वो सीखते रहे और ६-७ महीने के बाद वो बोले मासूम भाई मैं चला लूँगा बस आप का सहयोग मिलता रहे |
उनको मैंने धीरे धीरे बहुत कुछ सिखाया लेकिन उन्होंने जौनपुर में ख़बरों की दुनिया से जुड़ते हुए इतनी मेहनत की कि आज अन्य लोग उनके नक़्शे क़दम पे चलने की ख्वाहिश रखते हैं और उस मुकाम पे पहुंचना चाहते हैं जहां आज राजेश जी अपनी लगन और मेहनत से खड़े हैं | मैं तो राजेश श्रीवास्तव जी का आभारी हूँ की उन्होंने मेरी ख्वाहिश को पूरा किया और जौनपुर की ख़बरों को दुनिया तक पहुँचाया और दूसरों को भी प्रोत्साहित किया |
अंतरजाल की पहली न्यूज़ वेबसाईट राजेश श्रीवास्तव के नाम रही जिसे पत्रकार जगत हमेशा याद रखेगा |
एस एम् मासूम
संचालक
हमारा जौनपुर डॉटकॉम
जौनपुर सिटी डॉट इन
मैं जब भी मुम्बई से जौनपुर आता तो ये हुनर किसी न किसी को सीखाने की कोशिश अवस्य करता | इसी कोशिश में मैंने बहुतो के साथ मेहनत की और उन्हें इसकी अहमियत समझाया और उनकी वेबसाईट बनायी लेकिन उनकी आवाज़ दुनिया तक पहुंचाने में मुझे कामयाबी हासिल नहीं हो सकी|
ऐसे में एक दिन हमारे एक पत्रकार राजेश श्रीवास्तव जी से मुलाक़ात हुयी और उन्होंने आगे बढ़ के खुद से ये ख्वाहिश ज़ाहिर की कि उनकी एक न्यूज़ पोर्टल बनाया जाए | मैंने कुछ दिन उनका एक ब्लॉग बना दिया और उनसे कहा पहले धीरे धीरे सीखिए और इसमें लेख डालिये | वो सीखते रहे और ६-७ महीने के बाद वो बोले मासूम भाई मैं चला लूँगा बस आप का सहयोग मिलता रहे |
उनको मैंने धीरे धीरे बहुत कुछ सिखाया लेकिन उन्होंने जौनपुर में ख़बरों की दुनिया से जुड़ते हुए इतनी मेहनत की कि आज अन्य लोग उनके नक़्शे क़दम पे चलने की ख्वाहिश रखते हैं और उस मुकाम पे पहुंचना चाहते हैं जहां आज राजेश जी अपनी लगन और मेहनत से खड़े हैं | मैं तो राजेश श्रीवास्तव जी का आभारी हूँ की उन्होंने मेरी ख्वाहिश को पूरा किया और जौनपुर की ख़बरों को दुनिया तक पहुँचाया और दूसरों को भी प्रोत्साहित किया |
अंतरजाल की पहली न्यूज़ वेबसाईट राजेश श्रीवास्तव के नाम रही जिसे पत्रकार जगत हमेशा याद रखेगा |
एस एम् मासूम
संचालक
हमारा जौनपुर डॉटकॉम
जौनपुर सिटी डॉट इन
इस वेबसाइट के जरिए हम,पूरे देश से जुड़े हुए हैं।
जवाब देंहटाएंबड़े स्तर की वेबसाइट में कोने कोने की खबरें, उतनी देखने सुनने को नहीं मिलतीं, जितनी इसमें मिलती हैं।
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