डॉ 0 लालजी सिंह जौनपुर का चमकता सितारा थे

बीएचयू के पूर्व कुलपति एवं वैज्ञानिक पद्मश्री डॉ. लालजी सिंह का दिल का दौरा पड़ने के कारण रविवार की देर रात
निधन हो गया।
बीएचयू के आईसीयू में उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन से बीएचयू परिसर और उनके गांव में शोक की लहर दौड़ गई। उनका अंतिम संस्कार सोमवार को जौनपुर स्थित पैतृक गांव कलवारी में किया जाएगा। बीएचयू के कुलपति रहे डॉ. लालजी सिंह को फादर आफ डीएनए फिंगरप्रिंट के नाम से भी जाना जाता था। रविवार की शाम को अपने पैतृक निवास जौनपुर से हैदराबाद जाने के दौरान बाबतपुर एयरपोर्ट पर उन्हें हार्ट अटैक आ गया। एयरपोर्ट पर प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सकों ने उन्हें बीएचयू के लिए रेफर कर दिया। बीएचयू आईसीयू में इलाज के दौरान डॉ. लालजी सिंह का निधन हो गया। इस दौरान बीएचयू के वरिष्ठ अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे। बीएचयू के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. राजेश सिंह ने बताया कि डॉ. लालजी सिंह का शव उनके गांव कलवारी ले जाया जाएगा। डा. लालजी सिंह अगस्त 2011 से अगस्त 2014 तक बीएचयू के कुलपति रहे। लालजी सिंह ने जहां से शिक्षा-दीक्षा ली वहीं उन्होंने अंतिम सांस भी ली। कुलपति के कार्यकाल के दौरान वह मात्र #एक_रुपये_वेतन लिया करते थे। इंटरमीडिएट तक शिक्षा जौनपुर जिले में लेने के बाद उच्च शिक्षा के लिए 1962 में श्री सिंह बीएचयू चले आए थे। यहां से उन्होंने बीएससी, एमएससी और पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। 2004 में उन्हें भारतीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उनके योगदान को देखते हुए उन्हें *पद्मश्री* से विभूषित किया गया।


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