आज एक बार फिर दो डीपीआरओ पहुंचे कार्यालय, एक ने वगैर चार्ज लिए की मिटिंग
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जौनपुर। आज एक बार फिर विकास भवन चर्चाओ का केन्द्र बन गया। इस बार भी डीपीआरओ दफ्तर दो अधिकारियों की तैनाती सनसनी मचा दिया। कर्मचारी से लेकर आम जनता तक एक ही चर्चा होती रही आखिर दोनो अफसर जौनपुर में ही क्यों नौकरी करना चाहते है। मजे की बात यह रही कि शासन द्वारा नियुक्ति किये गये साहेब वेगैर चार्ज लिए कार्यालय पहुंचकर कुर्शी पर आसिन होकर अपने मातहतो की बैठक करके दिशानिर्देश देने लगे। जब वर्तमान डीपीआरओ आफिस पहुंचे तो वे कुर्शी छोड़कर उनसे कुटिल मुश्कान भरी मुलाकात करके बाहर चले गये।
एक माह पूर्व जिला पंचायत राज अधिकारी की कुर्शी के लिए दो अफसरो के बीच शुरू हुआ दंगल अभी जारी है। इसकी बानगी आज एक फिर दिखाई पड़ी। आज डीपीआरओ सुधीर श्रीवास्तव दोपहर लंच पर चले गये तो शासन द्वारा नियुक्ति किये गये नये अफसर सभाजीत पाण्डेय आफिस पहुंचकर वगैर चार्ज लिए कुर्शी पर बैठकर विभाग के कर्मचारियों के साथ बैठक करके दिशा निर्देश देने लगे। साथ सभी आश्वस्त किया कि मै ही आज से आप लोगो का अधिकारी हूं। यह खबर विकास भवन के अन्य विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों तक पहुंची तो चर्चाओ का बाजार गर्म हो गया।
दर असल यहां पर तैनात डीपीआरओ सुधीर श्रीवास्तव का स्थानांतरण शासन ने बीते 14 जून को एटा जिले में कर दिया गया उनके स्थान पर फैजाबाद में तैनात रहे सभाजीत पाण्डेय को तैनात कर दिया। सुधीर श्रीवास्तव ने अपने तबादले को गैर कानूनी ढंग से किये जाने का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट का शरण लिया था। कोर्ट ने 27 जून को उनके तबादले पर रोक लगा दिया। उधर जिला प्रशासन ने आनन फानन में उसी दिन यानी 27 जून को सभाजीत पाण्डेय को चार्ज दे दिया। सुधीर ने कोर्ट का स्टे आर्डर डीएम और सीडीओ दिया। सात जुलाई को डीएम ने सुधीर को चार्ज दे दिया। 20 जुलाई को प्रमुख सचिव ने एक बार फिर सभाजीत पाण्डेय को जौनपुर और सुधीर श्रीवास्तव का तबादला एटा जिले के लिए कर दिया। सभाजीत आज सीधे अपना कार्यभार सम्भालने के लिए विकास भवन आ धमके। लेकिन डीएम के मौजूद न रहने के कारण वे कार्यभार ग्रहण नही कर पाये। इसके बाद भी वे कार्यालय पहुंचकर खाली पड़ी डीपीआरओ की कुर्शी पर बैठकर कर्मचारियों के साथ बैठक करके दिशा निर्देश दिया।
एक माह पूर्व जिला पंचायत राज अधिकारी की कुर्शी के लिए दो अफसरो के बीच शुरू हुआ दंगल अभी जारी है। इसकी बानगी आज एक फिर दिखाई पड़ी। आज डीपीआरओ सुधीर श्रीवास्तव दोपहर लंच पर चले गये तो शासन द्वारा नियुक्ति किये गये नये अफसर सभाजीत पाण्डेय आफिस पहुंचकर वगैर चार्ज लिए कुर्शी पर बैठकर विभाग के कर्मचारियों के साथ बैठक करके दिशा निर्देश देने लगे। साथ सभी आश्वस्त किया कि मै ही आज से आप लोगो का अधिकारी हूं। यह खबर विकास भवन के अन्य विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों तक पहुंची तो चर्चाओ का बाजार गर्म हो गया।
दर असल यहां पर तैनात डीपीआरओ सुधीर श्रीवास्तव का स्थानांतरण शासन ने बीते 14 जून को एटा जिले में कर दिया गया उनके स्थान पर फैजाबाद में तैनात रहे सभाजीत पाण्डेय को तैनात कर दिया। सुधीर श्रीवास्तव ने अपने तबादले को गैर कानूनी ढंग से किये जाने का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट का शरण लिया था। कोर्ट ने 27 जून को उनके तबादले पर रोक लगा दिया। उधर जिला प्रशासन ने आनन फानन में उसी दिन यानी 27 जून को सभाजीत पाण्डेय को चार्ज दे दिया। सुधीर ने कोर्ट का स्टे आर्डर डीएम और सीडीओ दिया। सात जुलाई को डीएम ने सुधीर को चार्ज दे दिया। 20 जुलाई को प्रमुख सचिव ने एक बार फिर सभाजीत पाण्डेय को जौनपुर और सुधीर श्रीवास्तव का तबादला एटा जिले के लिए कर दिया। सभाजीत आज सीधे अपना कार्यभार सम्भालने के लिए विकास भवन आ धमके। लेकिन डीएम के मौजूद न रहने के कारण वे कार्यभार ग्रहण नही कर पाये। इसके बाद भी वे कार्यालय पहुंचकर खाली पड़ी डीपीआरओ की कुर्शी पर बैठकर कर्मचारियों के साथ बैठक करके दिशा निर्देश दिया।