दो वर्षीय संघर्ष यादव कर रहा है जीवन और मौत के बीच संघर्ष, आप लोग बचा सकते है इसकी जान
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जौनपुर। "नन्हा मुन्ना राही हूं देश का सिपाही हूं बोलो मेरे संग जय हिंद जय हिंद" कुछ यही तमंना लिए जौनपुर के एक मासूम अपने हाथो में तिरंगा फहरा रहा है। बचपन में ही देश भक्ति के जज्बे वाले दो वर्षीय संघर्ष यादव नामक यह मासूम अभी ठीक से चलना भी नहीं सिख पाया था इसी बीच कुदरत ने ऐसी विमारी दे डाली है जिसके कारण वह जीवन और मौत की बीच संघर्ष कर रहा है। उसका गरीब पिता उसका इलाज भी नही करा सकता है। ऐसे में मजलूम बाप ने अपने कलेजे के टुकड़े की जान बचाने के लिए जनता से गुहार लगायी है।
लाइनबाजार थाना क्षेत्र के कुद्दुपुर गांव के श्री नगर निवासी रामसकल यादव मुंबई में रहकर टैक्सी चलाकर अपने परिवार का भरण पोषण करता है। आज से करीब दो वर्ष पूर्व उनके घर में एक बेटा पैदा हुआ। घर का चिराग आने से रामसकल के घर में खुशियों की बारात आ गयी। मां पिता ने उसका नाम संघर्ष नाम रखा। संघर्ष को कुछ दिन पूर्व खांसी बुखार की शिकायत आयी। उसे इलाज के लिए नगर के रूहट्टा स्थिति डा. विनोद सिंह के अस्पताल में भर्ती कराया गया। जांच पड़ताल में पता चला कि संघर्ष के दिल में सुराग होने के साथ साथ कई विमारियां है। गम्भीर विमारी का पता चलते ही मां पिता के पैरो तले से जमीन ही खिसक गयी। इलाज के परिवार वाले उसे दिल्ली ले गये जहां पर डाक्टरो ने उसके इलाज में करीब चार लाख रूपये खर्च बताया। मां बाप इतने गरीब है कि उसका इलाज नही करा सकते है। बच्चे पिता रामसकल यादव ने शिराज ए हिन्द डाॅट के माध्यम से जिले की सामर्थवान जनता से अपने कलेजे की टुकड़े की जान बचाने की गुहार लगायी है।
जो लोग मदद करना चाहते है वे इस एकाउंट नम्बर में पैसा भेजकर या उनसे मिलकर आर्थिक मदद कर सकते है।
लाइनबाजार थाना क्षेत्र के कुद्दुपुर गांव के श्री नगर निवासी रामसकल यादव मुंबई में रहकर टैक्सी चलाकर अपने परिवार का भरण पोषण करता है। आज से करीब दो वर्ष पूर्व उनके घर में एक बेटा पैदा हुआ। घर का चिराग आने से रामसकल के घर में खुशियों की बारात आ गयी। मां पिता ने उसका नाम संघर्ष नाम रखा। संघर्ष को कुछ दिन पूर्व खांसी बुखार की शिकायत आयी। उसे इलाज के लिए नगर के रूहट्टा स्थिति डा. विनोद सिंह के अस्पताल में भर्ती कराया गया। जांच पड़ताल में पता चला कि संघर्ष के दिल में सुराग होने के साथ साथ कई विमारियां है। गम्भीर विमारी का पता चलते ही मां पिता के पैरो तले से जमीन ही खिसक गयी। इलाज के परिवार वाले उसे दिल्ली ले गये जहां पर डाक्टरो ने उसके इलाज में करीब चार लाख रूपये खर्च बताया। मां बाप इतने गरीब है कि उसका इलाज नही करा सकते है। बच्चे पिता रामसकल यादव ने शिराज ए हिन्द डाॅट के माध्यम से जिले की सामर्थवान जनता से अपने कलेजे की टुकड़े की जान बचाने की गुहार लगायी है।
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आईएफएससी कोड SBIN0010176
Mobile no 9889919208
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