लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है एस्मा : इंदुप्रकाश यादव
श्री यादव ने बताया कि विगत एक वर्ष में न कोई हड़ताल हुई और न ही कोई नोटिस संगठन द्वारा दी गयी बावजूद इसके एस्मा लगाया जाना समझ से परे है। आखिर इतनी मजबूत सरकार इतना मजबूर क्यों दिखाई दे रही है। इतना डर अपने कर्मियों से क्यों। एस्मा लगाकर सरकार शिक्षक/ कर्मचारियों का आवाज दबाने का काम कर रही है जो ठीक नहीं है।सरकार द्वारा शिक्षक/ कर्मचारियों के जनवरी 2020, जुलाई 2020, जनवरी 2021 यानी कुल लगभग 18 महीने का महँगाई भत्ता(11%) अभी तक नहीं दिया गया है , लेकिन हम शिक्षक /कर्मचारियों द्वारा लगातार कोरोना जैसी महामारी में चुनाव ड्यूटी से लेकर समय समय पर जहां भी ड्यूटी लगाई जा रही है हम सभी अपनी जान की परवाह किये बिना ड्यूटी कर रहे हैं। प्रदेश में अगले 6 माह में विधानसभा का चुनाव होना है ।निर्वाचन से पहले सभी राजनैतिक दल लोकलुभावन वादे जनता के बीच लेकर जाएंगे। शिक्षक/ कर्मचारी संगठन भी चुनाव के समय अपनी कई मांगो को लेकर धरना प्रदर्शन करते हैं जिसके कारण वर्तमान सरकार या तो मांगे मान लेती हैं , या विपक्षी दल अपने चुनावी घोषणा पत्र में शामिल कर लेते हैं। इस तरह सरकार द्वारा एस्मा लगाना शिक्षक/ कर्मचारियों के लोकतांत्रिक अधिकरों का हनन है।