बड़ी तादाद में शिक्षकों ने दी जान, महज तीन की पहचान

जौनपुर। जिले में ही 41 शिक्षक व दो अनुचरों की हो चुकी है मौत कोरोना महामारी के संक्रमण काल में संपन्न पंचायत चुनाव में ड्यूटी के दौरान पूरे प्रदेश में 1600 से अधिक शिक्षक ,कर्मचारी संक्रमित हुए ।जिले के 41 शिक्षकों और दो परिचारकों ने अपनी जान गंवा दी।

 इन शिक्षकों व परिचारकों को कोरोना से हुई मौत के संबंध में जिस क्षतिपूर्ति का ऐलान किया गया था वह तो दिया नहीं जा सका बल्कि इनकी मौत को जिम्मेदारों ने स्वाभाविक मौत करार देते हुए पल्ला झाड़ लिया जो अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। बेसिक शिक्षा विभाग व प्रदेश सरकार के इस असंवेदनशील रवैए पर आक्रोश जताते हुए प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष अरविंद कुमार शुक्ला ने कहा की पूरे प्रदेश में महज 3 शिक्षकों की कोरोना संक्रमण के चलते मौत स्वीकार किया जा रहा है।

 जबकि चुनाव प्रशिक्षण से लेकर मतगणना तक चुनावी ड्यूटी करने वाले इस जिले के ही 41 शिक्षक वह दो परिचारक अपनी जान गवा बैठे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार व बेसिक शिक्षा विभाग का पैमाना चाहे जो हो लेकिन महामारी के चलते बड़ी तादाद में जान गवाने वाले इन शिक्षकों की मौत कोरोना संक्रमण से होना ना माना जाना दुर्भाग्यपूर्ण है ।उन्होंने शासन से मांग की है कि प्रशिक्षण से मतगणना तक की समयावधि में मृत व संक्रमित होकर बाद में जान गंवाने वाले शिक्षकों व परिचारकों के स्वजनों को उचित मुआवजा व आश्रितों को तत्काल नौकरी देकर पीड़ित परिवार के घाव पर मरहम लगाया जाना चाहिए। श्री शुक्ल ने चेताया कि यदि इस संवेदनशील मामले में न्याय न हुआ तो संगठन हर स्तर पर मृत शिक्षको के परिजनों को न्याय दिलाने के लिए सब कुछ करेगा ।

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