मुरई,मिर्चा,इमरती, खरबूजा है सरनाम, पढ़िए जौनपुर पर लिखी गई शानदार कविता
लेखक - संदीप पांडेय , सतलपुर सिकरारा |
बसा गोमती तीर।
सीधे साधे नागरिक,
देश भक्त और बीर।।
सदर,केराकत,मडियाहू,
बसे नगर के तीर।
शाहगंज मछलीशहर ,
बदलापुर ताहसिल।।
वरुणा,बसुई,पिली,
और सई गोमती तीर।
राम लखन सीता सहित,
ग्रहण किये यहाँ नीर।।
त्रिमुहानी,शाहीकिला,
अटाला और नूर।
शाहीपुल,भूलभुलैया,
टूर करो भरपूर।।
चौकिया माँ का धाम है,
त्रिलोचन शिव धाम।
मुरई,मिर्चा,इमरती,
खरबूजा है सरनाम।।
कशी का एक भाग यह ,
प्रयाग राज नजदीक।
सड़क,एअरपोर्ट,रेलमार्ग,
महामार्ग नजदीक।।
लोग यहाँ के मेहनती,
साहस से भरपुर।
हाबड़ा,दिल्ली,मुम्बई,
बसे हुए बंगलूर।।
जनगण मन जै जौनपुर
करते हम जयगान।
स्वर्ग से सुन्दर मातृभूमि
तुझे साष्टांग प्रणाम।।
सभी जौनपुर वासियों को समर्पित ।
लेखक - संदीप पांडेय , सतलपुर सिकरारा
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति। बधाई शुभकामनाएं। डॉ अखिलेश्वर शुक्ला, जौनपुर।
जवाब देंहटाएंबहुत ही लाजवाब लेखनी ✍️👌
जवाब देंहटाएंVery nice
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंअती सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंबहुत ही लाजवाब कविता है
जवाब देंहटाएंमन प्रसन्न हो गया
जवाब देंहटाएंVery nice. ❤❤
जवाब देंहटाएंVery nice Guruji
जवाब देंहटाएंBahut lajwab bhai saheb
जवाब देंहटाएंShandaar
जवाब देंहटाएंVery nice
जवाब देंहटाएंVery good knowledge about Jaunpur
जवाब देंहटाएंBahut sundar kavita bhai
जवाब देंहटाएंबहुत बड़िया बड़े भैया जी बहुत ही सुंदर कबिता हैं भैया जी
जवाब देंहटाएंGood
जवाब देंहटाएंBahut hi sundar kawita
जवाब देंहटाएंधन्यवाद आप सभी का आभार,स्पेशली धन्यवाद शिराजे हिन्द व बडे भाई राजेश श्रीवास्तव जी का जिनके माध्यम से यह छोटी सी प्रस्तुति प्रसारित हुई
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना।
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंGreat Mama Ji
जवाब देंहटाएं