तहसीलदार और लेखपाल के वेतन से दिया जाय परिवादी को
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जौनपुर। परिवादी को अभिलेखों की प्रमाणित प्रति उपलब्ध न कराना सेवा में कमी है। फोरम अध्यक्ष शमशाद अहमद, सदस्य मुन्नालाल, रफिया खातून ने तहसीलदार सदर व लेखपाल को आदेश दिया कि एक माह के भीतर परिवादी को अभिलेखों की सत्य प्रतिलिपि उपलब्ध कराएं।
जिलाधिकारी को आदेश दिया कि परिवादी को विपक्षीगण से शारीरिक व मानसिक पीड़ा के लिए तहसीलदार के वेतन से एक हजार रुपये तथा लेखपाल के वेतन से 500 रुपये कटौती कर परिवादी को दिया जाए। कटौती उनकी सेवा पुस्तिका में अंकित किया जाए। दीपचंद यादव निवासी लाइन बाजार रोड हुसैनाबाद ने तहसीलदार सदर तथा लेखपाल दलपत पट्टी विकासखंड सिरकोनी के खिलाफ परिवाद दायर किया कि उसने 10 नवंबर 2020 को लेखपाल से आवश्यक अभिलेख के प्रमाणित प्रतिलिपि के लिए आवेदन किया तथा शुल्क के रूप में 20 रुपये अदा किया। आवेदन भेजने का 40 दिन बाद भी लेखपाल व तहसीलदार ने प्रमाणित प्रतिलिपि उपलब्ध नहीं कराया। विभिन्न विधि व्यवस्थाओं का हवाला दिया कि जब उसने शुल्क अदा किया तो विपक्षी को सेवा प्रदान करते हुए प्रतिलिपि देनी चाहिए थी। शुल्क देकर प्रतिलिपि लेना एक सेवा है। परिवादी उपभोक्ता है तथा विपक्षी सेवा प्रदाता की श्रेणी में आते हैं। परिवादी को अभिलेखों की प्रमाणित प्रति उपलब्ध न कराकर विपक्षी ने सेवा में कमी की है। फोरम ने विपक्षी को आदेश दिया कि निर्णय की तिथि के एक माह के भीतर परिवादी को प्रतिलिपि उपलब्ध कराएं।