पढ़ वन वीक सिरीज भी, हो जाते उत्तीर्ण
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पढ़ वन वीक सिरीज भी, हो जाते उत्तीर्ण ।
किन्तु गहन अध्ययन बिन , बनते नहीं प्रवीण
ज्ञान भरी हैं पुस्तकें , समझ न आता अर्थ ।
ज्ञान चक्षु तब ही खुलें गुरुवर मिलें समर्थ ।
ताकत अरु शक्ति पर, करना नहीं घमंड ।
रावण जैसे भूप को, मिला मृत्यु का दंड ।।
समय बड़ा बलवान है, काज करो अविराम ।
कल पर मत टालो कभी, अपना कोई काम ।।
बार फिर जॉच लें,कर्म करें जो आप ।
दूरबीन से देखता, ऊपर बैठा बाप ।।
राई जैसी गलतियॉ, चिंदी जैसे पाप ।
हैं, उसके राडार में, सारे कृयाकलाप ।।
भलाई हम करें , मन में प्रभु का नाम ।
दीन दुखी सेवा करें , जय हो ! सीता राम ।।
खुद ही फैलती, तोड़ सभी प्रतिबंध।
ज्यों कस्तूरी की उड़े, अपने आप सुगंध।।
संदीप पाण्डेय
सिकरारा, जौनपुर
आपका बहुत - बहुत आभार एवं धन्यवाद
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर सर जी
जवाब देंहटाएंये लाइनें पढ़ने के बाद दिल से सिर्फ एक आवाज आती है।
जवाब देंहटाएंवाह वाह वाह वाह वाह वाह
अतिसुंदर पंक्तियां
Vaah vaah Pandey ji bahot khub
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