डेंगू जैसी महामारी के दौर में जिला अस्पताल के डाक्टर झाड़ रहे पल्ला, कर रहे है मरीजों को वाराणसी रेफर
मिली जानकारी के अनुसार खेतासराय थाना क्षेत्र के भुड़कुड़हा गांव के निवासी दिलीप कुमार का आठ वर्षीय पुत्र गुरमीत को शनिवार की रात तेज बुखार चढ़ गया। रविवार को परिवार वाले इलाज के लिए उसे खेतासराय स्थित एक निजी चिकित्सक के पास ले गये। जांच में उसका प्लेटनेट काफी कम होने पर डाक्टर से जवाब दे दिया, उसके बाद परिजन बच्चे को पुलिस लाइन के सामने स्थित एक प्राईवेट अस्पताल ले आये। आज उसकी हालत विगड़ने पर इस अस्पताल के डाक्टर ने भी हाथ खड़ा कर दिया। परिवार वाले उसे जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां पर डाक्टरो ने वगैर जांच कराये उसे वाराणसी के लिए रेफर कर दिया। यहां से जवाब होने के बाद परिवार वालों के पैरो तले जमीन ही खिसक गयी। एक तरफ जीवन और मौत के बीच संघर्ष कर रहे अपने कलेजे के टुकड़े की हालत, दूसरी तरफ वाराणसी में इलाज में खर्च होने वाले पैसे की तंग माली हालत देखकर हैरान परेशान हो रहे थे। इसी बीच एक निजी चैनल के संवाददाता वहां पहुंचे तो उन्हे परिवार वालो ने अपनी पीड़ा बताया तो पत्रकार ने तत्काल सीएमएस डा0 ए के शर्मा से बात किया । सीएमएस के आदेश पर डाक्टरो ने भर्ती करके इलाज शुरू कर दिया। सीएमएस ने बताया कि बच्चे की हालत बहुत खराब है जिसके कारण उसे बेहतर इलाज के लिए वाराणसी भेजा जा रहा था।
पता नहीं इस कलयुग में सब डॉक्टरों को क्या हो गया सब बहुत कट्टर दिल हो गए हैं किसी के बच्चे से,लड़के के जान से क्यों इतना खिलवाड़ कर रहे हैं किसी के जान से क्यों खिलवाड़ कर रहे हैं किसी के घर का चिराग,जिगर का टुकड़ा बुझ जाए इनसे क्या मतलब अपना लड़का होता तो समझ में आता
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