अमर शहीद उमानाथ सिंह जिला अस्पताल की कार्य व सुरक्षा व्यवस्था तार-तार
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जौनपुर। अमर शहीद उमानाथ सिंह जिला अस्पताल के वार्डों सहित मरीजों की देखभाल करने के लिये अब वार्ड तक साइकिल आदि भी जाने लगे हैं। अस्पताल प्रथम तल पर स्थित मेडिकल वार्ड पर एक कर्मी साइकिल से टहलते नजर आये जो पूछने पर बताये कि वह वार्डों व मरीजों का निरीक्षण करने आये हैं। पूछे जाने पर उन्होंने अपना पद तो नहीं बताया लेकिन लगा रहा था कि वह डी फार्मा करके हाउस जॉब कर रहे हैं। ऐसे में कुछ लोगों द्वारा कहा गया कि क्या जिला चिकित्सालय की सुरक्षा व्यवस्था समाप्त हो चुकी है या अस्पताल के सुरक्षा व्यवस्था की तकनीकी इस रूप में आ गयी है? फिलहाल प्रश्न यह है कि आखिर वार्ड तक साइकिल से भ्रमण करने का मतलब क्या है? इस दौरान देखा गया कि वार्ड में तैनात नर्स रीमा के मेडिकल वार्ड में उनके सहयोगी डी फार्मा के युवा भर्ती मरीज की परेशानी को ध्यान नहीं दे रहे थे। बता दें कि उक्त मरीज के हाथ में लगा विगो जाम हो गया था जिसकी वजह से दवा नसों में एकत्रित हो रही थी। सूचना देने के पश्चात भी वहीं मरीज के पास नहीं पहुंचीं। अलबत्ता उन्होंने हाउस जॉब कर रहे युवाओं की टोली को विगो लगाने के लिये मरीज के पास भेज दिया। देखा गया कि विगो लगाने में उन अप्रशिक्षित युवाओं को इतनी मशक्कत करनी पड़ी कि लगभग 85 वर्षीय उक्त मरीज के बायें हाथ में 3-4 जगह विगो चूभाना पड़ा परंतु इसके बाद भी वह सही नहीं लग पाया। इसकी जानकारी रीमा को दी गयी तो उन्होंने यह कहते हुये अपना पल्ला झाड़ दिया कि बच्चे सीखने आये हैं तो ऐसा होगा ही। फिलहाल कई बार निवेदन करने के पश्चात उन्होंने विगो लगाया। उधर मरीज के हाथ में 3 जगह विगो चुभने से रक्तस्राव हो रहा था जिस पर मरहम-पट्टी करने वार्ड की दाई आयी। उसने बैंडेज किया परंतु उक्त नर्स मरीज के पास जाना उचित नहीं समझी। इस बाबत पूछे जाने पर नर्स रीमा का स्पष्ट कहना है कि यहां प्रशिक्षण में आये बच्चों को ऐसा करना ही होगा। जब करेंगे तभी तो सीखेंगे परंतु उन्हें यह अवश्य ध्यान देना चाहिये कि कौन सा मरीज किस स्तर की क्षमता वाला है। फिलहाल बताते चलें कि जिला अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था इतनी अच्छी है कि शाम को कुत्ते भी वार्डों में टहलते नजर आते हैं। ऐसे में लोग कह रहे हैं कि क्या अमर शहीद उमानाथ सिंह जिला चिकित्सालय की व्यवस्था यही है? यदि यही है तो ठीक और यह नहीं है तो सूबे के पूर्व मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व सांसद डा. केपी सिंह के पिता स्व. उमानाथ सिंह के नाम से जाना जाने वाले इस जिला चिकित्सालय की व्यवस्था कहां है? ऐसे में आये दिन चर्चा में रहने वाले मुख्य चिकित्सा अधीक्षक की बात तो छोड़िये, मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं जिलाधिकारी का ध्यान इस ओर जरूर आकृष्ट होना चाहिये, ताकि यहां की व्यवस्था सही ढंग से पटरी पर चलायी जा सके।