विश्वविद्यालय की गरिमा को दूषित न करें : सत्येन्द्र प्रताप सिंह
कुछ स्वार्थी तत्व जो हमेशा अपने लाभ के लिए विश्वविद्यालय के इर्द-गिर्द चक्कर लगाते रहते हैं स्वार्थ सिद्धि न होने के कारण मिथ्या आरोप लगा रहे हैं। विश्वविद्यालय में मूल्यांकन कार्य हेतु जिन भी प्राध्यापकों की ड्यूटी लगाई गई है उनका कार्य कभी भी संदेहास्पद नहीं रहा है ।
बैठक में परीक्षाफल में कुछ तकनीकी त्रुटि विगत वर्षों में होती रही हैं जिसे विश्वविद्यालय समय-समय पर ठीक करता रहा है कुछ स्वार्थी लोगों द्वारा विश्वविद्यालय की गरिमा को परीक्षा फल के माध्यम से दूषित करने के प्रयास की घोर भर्त्सना तथा विश्वविद्यालय की कुलपति ,कुलसचिव , परीक्षा नियंत्रक एवं समस्त सहायक कुलसचिवो द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की गई,
बैठक में महाविद्यालय के प्राचार्य के साथ समस्त प्राध्यापक उपस्थित रहे तथा प्राचार्य के प्रयासों की सराहना करते हुए उनके हम-कदम होने का संकल्प लिया ,जिसमें डॉ0 राज बहादुर यादव डॉ0 अरविंद कुमार सिंह डॉ0 नितेश कुमार यादव डॉ0 विकास सिंह डॉ0 शिव प्रताप सिंह डॉ0 तारकेश्वर सिंह डॉ0 रविकांत सिंह डॉ0 योगेंद्र प्रताप सिंह डॉ0 श्याम नारायण सिंह डॉ0 बृजेश कुमार श्रीवास्तव , सूरज कुमार गुप्ता एवं नीरज कुमार सिंह पुस्तकालय अध्यक्ष उपस्थित रहे।
अगर मूल्यांकन पर प्रश्नचिन्ह उठ रहा है तो कुलपति का समर्थन या विरोध की बजाय प्रक्रिया सुधारने पर मंथन किया जाना चाहिए
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