जाता चलाकर आटा पीसते हुए अपनी जीवन गाथा का मार्मिक चित्रण गीत गाती थीं औरतें

 नारी कल और आज---  

नारी विमर्श में अधिक से अधिक शोषण पर ही दृष्टि जाती है।यह कचोट उठती है मन में कि मानव को जन्म और पोषण देने वाली नारी अतीत में भी,वर्तमान में भी शोषण का शिकार होती रही है।कितनी औरतें जाता चलाकर आटा पीसते हुए अपनी जीवन गाथा का मार्मिक चित्रण करते हुए गाती थीं। 
इतना ही नहीं सबको आटा पीस कर खिलाने वाली कुछ नारियां खुद कुपोषित होकर मृत्यु का ग्रास बन जाती थीं। जाता चलाते समय गीत गाती थीं वह तब भी खुश रहती थी उन्हें सुखद अनुभूति होती थी कि वे अपने परिवार को स्वस्थ रखने के लिए आंटा पीस रही हैं, अपने परिवार का पालन-पोषण करने के लिए आंटा पीस रही हैं। इतना ही नहीं औरतें अपने तरीके से कठिन श्रम करके परिवार को आर्थिक सहयोग भी प्रदान करती थीं।
यह कहना बिल्कुल सही नहीं है कि औरतें पहले परिवार में केवल चौका चूल्हा तक सीमित थीं।वह चौके चूल्हे तक सीमित रहकर भी आर्थिक सहयोग करती थीं। और आगे अन्य वर्ग में देखें तो धान की रोपाई कटाई अन्य फसलों में बराबर श्रम करती थीं। हालांकि परिवार में वह सम्मान नहीं पाती थी जो वह चाहती थीं। रोपनी और जतसार के गीतों में उनकी भावनाओं का बखूबी चित्रण मिलता है जो अत्यंत मार्मिक होता है।
ऐसे तमाम प्रकार की विसंगतियों का सामना करते हुए जीवन व्यतीत करने को बाध्य होती थी।
तब औरतों का जीवन बहुत कठिन था।
आज नारी बहुत ही अच्छी स्थिति में है।आज उसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है वह सामाजिक मजबूती भी प्राप्त की है। हां इतना अवश्य है कि अभी भी लोग आसानी से नारी को महत्व नहीं दे पाते इसके बाद भी नारी पहले की अपेक्षा आज अच्छी स्थिति में है। 
अब आवश्यकता है नारी को संयम से अपने सामाजिक स्वरूप को संवारने की। नारी अपने पुरुष रूप में नहीं नारी रूप में सम्मान दे। नारी शक्ति तभी समृद्ध होगी जब नारी नारी का सम्मान करेगी।
आधुनिक काल में नारी भ्रमित न हो आधुनिकता की चकाचौंध में स्वयं को धुंधला न करे।वह अपने नारी धर्म को समझते हुए आगे बढ़े।धर्म से तात्पर्य उचित कर्म बुद्धि। वह धरा से आकाश तक को आलोकित कर सकती है अपने विवेक और कर्म से।
नारी पुरुष से आगे है तो उसे पुरुष की बराबरी करने की आवश्यकता नहीं है।
प्रसाद जी ने कहा है कि---
नारी तुम केवल श्रद्धा हो
अर्थात तुम बहुत ही ऊंचाई पर हो।

  डा पूनम श्रीवास्तव                                                                          
 असिस्टेंट प्रोफेसर 
हिंदी विभाग सल्तनत 
बहादुर पी जी कालेज बदलापुर जौनपुर।

Related

news 6392134437666852188

एक टिप्पणी भेजें

  1. बहुत ही सुंदर अभिब्यक्ति बहुत अच्छा लिखती हो आप👍👍👏👏👏🤝🤝

    जवाब देंहटाएं

emo-but-icon

AD

जौनपुर का पहला ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल

आज की खबरे

साप्ताहिक

सुझाव

संचालक,राजेश श्रीवास्तव ,रिपोर्टर एनडी टीवी जौनपुर,9415255371

जौनपुर के ऐतिहासिक स्थल

item