कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए जिला जज ने जारी किया यह गाइड लाइन

 जौनपुर। जनपद न्यायाधीश मदन पाल सिंह ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से अवगत कराया है कि महानिबंधक उच्च न्यायालय इलाहाबाद, द्वारा प्राप्त हुआ है कि महामारी कोविड-19 के केसों में वृद्धि को देखते हुए समस्त न्यायालयों (अधिकरणो सहित) के संचालन हेतु कुछ दिशा निर्देश निर्गत किए गए हैं जो 3 जनवरी 2022 से अग्रिम आदेश तक प्रभावी रहेंगे। उक्त के संबंध में न्यायिक अधिष्ठान के समस्त न्यायालयों के पीठासीन अधिकारीगण को निर्देशित किया जाता है कि उनके द्वारा समस्त प्रकार के न्यायिक एवं प्रशासनिक कार्यो को समय-समय पर निर्गत एवं प्रभावी प्रविधानो, नियमावली, मार्गदर्शन एवं परिपत्रों में वर्णित उपबन्धों के अनुसार किया जाता सुनिश्चित करें। 


       इस न्यायिक अधिष्ठान के समस्त न्यायालयों के पीठासीन अधिकारीगण को निर्देशित किया जाता है कि उनके द्वारा यह सुनिश्चित किया जाय कि एक समय में न्यायालय कक्षों में अधिकतम दस अधिवक्ता/पक्षकार से अधिक उपस्थित न हो तथा अधिवक्तागण के प्रयोग हेतु उचित दूरी के साथ केवल 06 कुर्सियों की व्यवस्था की जाय तथा प्रत्येक व्यक्ति जो न्यायालय कक्ष में प्रवेश करेगा उसके द्वारा शारिरिक दूरी के दिशा निर्देश का अनुपालन भी किया जाए। पीठासीन अधिकारी को यह भी अधिकार होगा कि जब अधिवक्तागण द्वारा बहस की जा रही हो तो किसी भी व्यक्ति को न्यायालय कक्ष में प्रवेश से निषेधित कर सकते हैं।

       अपर जिला जज/एफ0टी0सी0, प्रथम जौनपुर/ नोडल ऑफिसर सेनेटाईजेशन अंजनी कुमार सिंह को निर्देशित किया जाता है कि न्यायालय परिसर को न्यायिक कार्य से खोले जाने से पूर्व प्रत्येक कार्य दिवस को जिला प्रशासन / अन्य प्रशासनिक अधिकारियों तथा मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के सहयोग से न्यायालय परिसर की सम्पूर्ण साफ-सफाई एवं समस्त न्यायालय / कार्यालय कक्षों का सम्पूर्ण सेनेटाईजेशन मेडिकल गाईलाइन अनुसार कराया जाना सुनिश्चित करें।

        विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट / रेप, तृतीय/नोडल आफिसर वर्चुअल कोर्ट रजनीश कुमार को निर्देशित किया जाता है कि किसी भी न्यायिक अधिकारी / विद्वान अधिवक्तागण के माँग पर वर्चुअल कोर्ट की सुविधा उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित करें।

       नये वादों / प्रार्थनापत्री (सिविल एवं दाण्डिक) या अन्य प्रार्थनापत्रक वादकारियों से प्राप्त करने हेतु जुडिशियल सर्विस सेन्टर (केन्द्रीयकृत फाइलिंग काउन्टर) के उपयोग हेतु कम्प्यूटर अनुभाग को चिन्हित किया जाता है कि जहाँ ऐसे वादों / प्रार्थनापत्रों को सी०आई०एस० पर पंजीकृत किया जायेगा। प्रार्थनापत्र पर अधिवक्तागण / वादकारीगण के मोबाइल नम्बर सहित विस्तृत विवरण अंकित किया जाना अनिवार्य होगा, जिससे प्रपत्रों में किसी भी प्रकार की कमी पाये जाने पर सम्बन्धित अधिवक्तागण को सूचित किया जाय तदोपरान्त ऐसे प्रार्थनापत्र को सम्बन्धित न्यायालय के समक्ष कार्यवाही हेतु प्रेषित किया जाय।

       इस सम्बन्ध में अपर जिला जज, चतुर्थ / नोडल अधिकारी कम्प्यूटर अनुभाग प्रकाश चन्द्र शुक्ला को निर्देशित किया जाता है कि उपरोक्त दिशानिर्देश का अनुपालन अपने स्तर से कराया जाना सुनिश्चित करे।

       अपर जिला जज, चतुर्थ / नोडल अधिकारी कम्प्यूटर अनुभाग प्रकाशचन्द्र शुक्ला को निर्देशित किया जाता है कि पक्षकारों द्वारा लिखित बहस जुडिशियल सर्विस सेन्टर पर प्राप्त करने तथा सम्बन्धित न्यायालय को प्रेषित किये जाने हेतु कम्प्यूटर अनुभाग के किसी कर्मचारी को अधिकृत / निर्देशित किया जाना सुनिश्चित करे।

       न्यायालय परिसर एवं न्यायालय कक्ष में प्रवेश करने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए मास्क का उपयोग किया जाना अनिवार्य होगा तथा नोडल आफिसर सेनेटाइजेशन / प्रभारी अधिकारी नजारत को निर्देशित किया जाता है कि न्यायालय कक्ष के प्रवेश द्वार पर सेनेटाइजर उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित करें। इस न्यायिक अधिष्ठान के समस्त न्यायालयों के रीडर, लिपिक व अन्य कर्मचारीगण द्वारा सोशल डिस्टेसिंग नियम का पालन किया जायेगा।


       जिला प्रशासन / सम्बन्धित मुख्य चिकित्साधिकारी के स्तर से यह आख्या प्राप्त हो कि किसी विशेष अवधि के लिए न्यायालय परिसर / आउट लाइन कोर्ट को कोविड-19 महामारी के कारण बन्द किया जाय, तो प्रश्नगत अवधि तक के लिए न्यायालय परिसर / आउट लाइन कोर्ट बन्द रखा जायेगा और विशिष्ट कारणों का उल्लेख करते हुए, सूचना माननीय उच्च न्यायालय को प्रेषित की जायेगी।

        जिला मजिस्टेट / जिला प्रशासन एवं मुख्य चिकित्साधिकारी / मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के सहयोग से न्यायालय परिसर में प्रवेश करने वाले सभी व्यक्तियों की धर्मल स्कैनिंग जाँच प्रत्येक कार्य दिवस में सुनिश्चित कराये जाने हेतु सम्बन्धित अधिकारीगण को पत्र प्रेषित किया जाय।

       इस न्यायिक अधिष्ठान के समस्त न्यायालयों के पीठासीन अधिकारीगण को निर्देशित किया जाता है कि उनके द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय / उच्च न्यायालय, इलाहाबाद के न्यायिक साइड एवं भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा कोविड-19 के समस्त निर्देशों एवं मार्गदर्शन का अनुपालन किया जाना सुनिश्चित करें।

        न्यायालयों के परिचालन हेतु वर्तमान आदेश द्वारा प्रभावी की गयी व्यवस्था के सम्बन्ध में दीवानी न्यायालय अधिवक्ता संघ के पदाधिकारीगण से विचार-विमर्श किये जाने हेतु पत्र प्रेषित किया गया तथा उनसे यह अपेक्षा की गयी कि न्यायालयों में अधिवक्तागण एवं वादकारियों से प्रवेश को विनियमित किये जाने के सम्बन्ध में उचित सहयोग प्रदान करें तथा जिन विद्वान अधिवक्तागण का बहस समाप्त हो जाये वे शीघ्रातिशीघ्र न्यायालय कक्ष/ न्यायालय परिसर छोडने हेतु अनुरोध किया गया।

      दीवानी न्यायालय अधिवक्तागण के पदाधिकारीगण से यह अपेक्षा की गयी कि जिन विद्वान अधिवक्तागण के वाद किसी विशिष्ट दिन नियत हो वही विद्वान अधिवक्तागण न्यायालय परिसर में उपस्थित हो।

       माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष दैनिक आख्या संक्षिप्त फीडबैंक के रूप में जनपद न्यायाधीश द्वारा दैनिक आधार पर प्रेषित की जायेगी तथा सिस्टम आफिसर को निर्देशित किया जाता है कि निस्तारित किये गये वादों / प्रार्थनापत्रों की संख्या एवं स्थिति की समेकित आख्या दैनिक आधार पर माननीय उच्च न्यायालय को प्रेषित किया जाना सुनिश्चित करें।

       जनपद न्यायालय के सम्बन्धित न्यायिक अधिकारीगण, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी कोर्ट मैनेजर सिस्टम आफिसर एवं केन्द्रीय नाजिर को आवश्यक अनुपालन हेतु सूचित किया जाय।

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