प्रधानाचार्य पद का प्रभार देने में जमकर बरती जाती है अनियमितता
उक्त बातें कहते हुए उ0प्र0मा0शि0संघ (सेवारत )के प्रदेश अध्यक्ष रमेश सिंह ने बताया कि पूर्व की भांति इस बार भी 31/03/2022 को वाराणसी मंडल के जनपदों में लगभग दो दर्जन से भी अधिक प्रधानाचार्य अवकाश ग्रहण कर चुके हैं ।विगत में देखा गया था कि प्रबंधन और जि0वि0निरीक्षक कार्यालय की मिली भगत से प्रधानाचार्य पद का प्रभार देने में वरिष्ठता का उल्लंघन किया गया जिसने न केवल अनावश्यक विवाद पैदा किया अपितु विद्यालयों का शैक्षिक वातावरण भी प्रभावित हुआ। इस तरह की पुनरावृत्ति न हो सके ,इसके लिए संगठन की मांग पर विगत में संयुक्त शिक्षा निदेशक, वाराणसी मंडल वाराणसी द्वारा मंडल के जि0वि0निरीक्षकों को पत्र निर्गत किया जा चुका है।इसी कड़ी में जि0वि0निरीक्षक जौनपुर द्वारा भी स्पस्ट आदेश निर्गत किया जा चुका है कि विद्यालय प्रबन्धन द्वारा प्रधानाचार्य पद का प्रभार देने में वरिष्ठता का उल्लंघन कदापि न किया जाय।इतने स्पस्ट आदेश के बावजूद भी यदि कहीं किसी विद्यालय में प्रबन्धन द्वारा वरिष्ठता का उल्लंघन किया जाता है,अथवा जि0वि0निरीक्षक कार्यालय द्वारा किसी कनिष्ठ शिक्षक का हस्ताक्षर प्रमाणित कर दिया जाता है तो , सेवारत संगठन इसके खिलाफ निर्णायक संघर्ष के लिए विवश होगा, जिसका सम्पूर्ण उत्तरदायित्व सम्बन्धितों का होगा।इसी क्रम में रमेश सिंह ने सभी जिलों के माध्यमिक शिक्षक संघ (सेवारत) के सभी पदाधिकारियों को भी निर्देशित किया है कि वरिष्ठता उल्लंघन के मामलों में वे जि0वि0निरीक्षक कार्यालयों पर दबाव बनाते हुए पीड़ित शिक्षक साथियों को न्याय दिलाएं।