ग्राम रोजगार सेवकों ने मांगों के समर्थन में भरी हुंकार
उन्होंने कहा कि शासन के विशेष निर्देश पर वर्ष 2019-20 में जिले भर के सभी संविदा कर्मियों का इपीएफ का खाता खुलवाया गया था। इसके बाद अप्रैल 2020 से प्रतिमाह मिलने वाले मानदेय से नियमित तौर पर जिले के सभी ब्लॉक स्तर से कटौती की गई। परंतु किसी भी संविदा कर्मी के जरूरत पर ईपीएफ से काटी गई राशि की रकम उसके निजी खाते में अन्तरित नहीं कि गई। ऐसी घोर लापरवाही तब है जब जिले में आधा दर्जन संविदा कर्मियों की मौत हो चुकी है। उधर रकम काटे जाने के बाद भी संबंधित संविदा कर्मियों के परिवारजनों को किसी प्रकार की राशि न मिलने से उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद ही खराब हो गई है।
संगठन के जिलाध्यक्ष लक्ष्मी नारायण चौरसिया ने जिलाधिकारी को अवगत कराया कि इस संबंध में जब गहराई से जांच पड़ताल की गई तो विकास भवन स्थित मनरेगा सेल से बताया गया कि जिले भर के संविदा कर्मियों की ईपीएफ से काटी गई करोड़ों रुपये की राशि 21 विकास खंड कार्यालयों को स्थानांतरित कर दी गई है। ऐसे में जरूरत है कि उक्त मामले की जांच करके संबंधित दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। और काटी राशि संबंधित कर्मियों के खाते में भेजी जाए। मौके पर संगठन के संरक्षक राकेश कुमार श्रीवास्तव, जिला महामंत्री राकेश कुमार व करंजकला ब्लॉक अध्यक्ष बृजेश कुमार मौर्य अन्य उपस्थित रहे।