वैज्ञानिक अजीत कुमार सिंह के हत्यारे को मिली आजीवन कारावास की सजा
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फाइल फोटो स्व 0 अजीत सिंह |
अभियोजन के अनुसार अजीत कुमार सिंह कुटीर पीजी कालेज चक्के में जीव विज्ञान के प्रवक्ता और कालेज के अनुशासित समिति के सदस्य व वैज्ञानिक भी थे। मातापुर लाइन बाजार में रहते थे। बीते 20 अगस्त 2003 को रोजाना की तरह कालेज के लिए बस से जलालपुर चौमुहानी पहुंचे। वहां उनके मित्र विजय प्रकाश सिंह मिले। अजीत विजय की बुलेट पर पीछे बैठकर कालेज जा रहे थे। सुबह करीब दस बजे जब वे चौरी बाजार के पहले बैरगिया गांव पहुंचे तभी हीरो होंडा सवार तीन बदमाश अजीत पर पीछे से फायर कर दिए। गोली पीठ में लगी। अजीत ने चिल्लाकर विजय से कहा, मुझे गोली लगी है तब उन्होंने गाड़ी रोक दिया। तीनों बदमाश पुन: मोटर साइकिल मोड़ कर दोबारा अजीत पर फायर किए। वह गिर पड़े। विजय व गांव के लोग बदमाशों को पकड़ने के लिए दौड़ाए। बदमाश असलहा लहराकर धमकी दिए कि कोई आगे बढ़ेगा तो जान से मार देंगे। हवाई फायरिग करते हुए फरार हो गए। अजीत को सिंह मेडिकल रिसर्च सेंटर वाराणसी में भर्ती कराया गया जहां उनकी मौत हो गई। घटना के दस-पंद्रह दिन पहले प्रवक्ता अजीत ने दोषी छात्र सुरेंद्र कुमार यादव रेहटी बतसपुर जलालपुर को क्लास रूम के सामने छात्राओं से अभद्रता करने पर डांटते हुए एक थप्पड़ मारा था। सुरेंद्र ने उन्हें देख लेने की धमकी दी थी। पुलिस ने दोषी सुरेंद्र को घटना में प्रयुक्त रिवाल्वर व चार कारतूस के साथ गिरफ्तार किया। पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की। कोर्ट ने समस्त साक्ष्यों की जांच के बाद सुरेंद्र को दोषी पाते हुए सजा सुनाई।
देर से न्याय मिला
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