सार्थक और सकारात्मक पत्रकाारिता आज की आवश्यकता : राम प्रकाश
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जौनपुर। हिन्दी पत्रकारिता के पत्रकार लोकतंत्र के सजग प्रहरी है। यद्यपि
चुनौतियां हर प्रोफेशन में है लेकिन आज के परिवेश में पत्रकारिता के
रास्ते में अनेक कठिनाईयां और चुनौतियां है। सूझबूझ और कठिन परिश्रम से
इन पर विजय प्राप्त की जा सकती हैं। नई पीढ़ी के पत्रकारोंं को गहराई तक
अध्ययन करने की जरूरत है। सार्थक और सकारात्मक पत्रकारिता आज की सबसे
बड़ी आवश्यकता है।
उक्त विचार यूपी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन की जनपद
ईकाई (सम्बद्व इण्डियन फेडरेशन आफ वार्किग जर्नलिस्ट) द्वारा हिन्दी
पत्रकारिता दिवस पर आयोजित संगोष्ठी वर्तमान परिवेश में हिन्दी
पत्रकारिता के समक्ष चुनौतियां विषय पर मुख्य अतिथि अपर जिलाधिकारी वित्त
एवं राजस्व राम प्रकाश ने व्यक्त किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ अतिथियों
द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्यण दीप प्रज्ज्वलित करके किया
गया। सरस्वती वंदना वरिष्ठï साहित्यकार सभाजीत द्विवेदी प्रखर ने
प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता यूनियन के अध्यक्ष विजय प्रकाश
मिश्र और संचालन डॉ0 कुंवर यशवन्त सिंह ने किया।
विजय प्रकाश मिश्र ने अतिथियों और पत्रकारों तथा अभ्यागतों का स्वागत
करते हुए हिन्दी पत्रकारिता दिवस की प्रासंगिता पर प्रकाश डाला। इस अवसर
पर यूनियन की जनपद ईकाई द्वारा मुख्य अतिथि राम प्रकाश एडीएम, विशिष्टï
अतिथि पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के विभागाध्यक्ष मनोज मिश्र, जिला
सूचनाधिकारी सुश्री मनोकामना राय, वरिष्ठ पत्रकार डॉ0 ज्ञान प्रकाश
सिंह, वरिष्ठ साहित्यकार सभाजीत द्विवेदी प्रखर एवं गिरीश श्रीवास्तव को
अंगवस्त्रम, प्रशस्ति पत्र और श्रीफल प्रदान कर सम्मानित किया गया।
विविष्ट अतिथि डॉ0 मनोज मिश्र ने अपने सारगर्भित उदï्बोधन में कहा कि
पत्रकार आज पाठकों को क्या दे रहे हैं, देने के पहले सोचें कि कहां सुधार
की आवश्यकता है। 2014 के बाद सोशल मीडिया का वचस्व बढ़ा है। कुछ वर्षों
में हिन्दी पत्रकारिता की परिभाषा बदल गई है। पत्रकारिता उदण्ड मार्तण्ड
से शुरू होकर डेढ़ सौ वर्षों में कहां आ गई हमारे नजरिये छोटे हो गये,
इसको बड़ा करने की जरूरत है। चुनौतियां विचारणीय है, इस पर मन्थन की
जरूरत है।
मुख्य वक्ता डॉ0 दिलीप सिंह जूरी मेम्बर सिविल कोर्ट जौनपुर ने
यमदग्नि ऋषि की धरती की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए पत्रकारिता की
पृष्ठïभूमि और वर्तमान पत्रकारिता के अनेक पहलुओं पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा कि उदण्ड मार्तण्ड से शुरू होकर हिन्दी पत्रकारिता सोशल
पत्रकारिता से डिजिटल पत्रकारिता तक आ गई है। उन्होंने कहा कि इसके समक्ष
मौजूद चुनौतियों पर विजय प्राप्त करने का एकमात्र साधन है, रचनात्मक और
सार्थक पत्रकारिता। कामरेड जय प्रकाश सिंह एडवोकेट ने कहा कि आज का दिन
पत्रकारिता के मूल्यांकन का दिन है। वह अखबार, अखबार नहीं है जिससे
शासन-प्रशासन न डरे। उदण्ड मार्तण्ड से ब्रिटिश हुकूमत घबराई वहीं धार
लानी पड़ेगी पत्रकारों को अपनी लेखनी में।
उन्होंने कहा कि सूरज रोशनी को
तरसेगा, चांद चांदनी को तरसेगा, शहर में लोग बहुत हैं लेकिन शहर आदमी को
तरसेगा..। उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान में हिन्दी को विद्वानों ने
विकसित किया लेकिन पूरे हिन्दुस्तान में रोटी और भूख ने फैलाया। मुफलिसों
और गरीबों ने हिन्दी का विस्तार किया। आज चुनौतियां है, जरूरत है पहल
करने की, हल अवश्य निकलेगा।
हिन्दी पत्रकारिता दिवस समारोह को किशोर
न्याय बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष संजय उपाध्याय, तरूणमित्र के सम्पादक आदर्श
कुमार, वरिष्ठï अधिवक्ता शरद जायसवाल, प्रमोद पाण्डेय ने भी सम्बोधित
किया। आभार सन्तोष सोन्थालिया ने व्यक्त किया।
इस अवसर पर कैलाश नाथ
मिश्र, डा0 अजहर अहसन जाफरी, प्रेम प्रकाश मिश्र, निगार फात्मा,
चन्द्रमणि पाण्डेय, अरूण यादव, डॉ0 यशवन्त गुप्ता, देवेन्द्र खरे, प्रमोद
माली, दीपक चिटकारिया, मंगला प्रसाद तिवारी, सुधीर सिंह, दीपक मिश्रा,
नरेन्द्र शर्मा, नवीन कुमार सिंह, सुधाकर शुक्ला, चन्द्र प्रकाश तिवारी,
जुबेर अहमद, अजीत सिंह टप्पू, अरूण कुमार तिवारी, ओम प्रकाश दूबे, देवी
प्रसाद पाण्डेय, संजय मेहरोत्रा, रामचन्द्र नागर, गंगा प्रसाद चौबे, संजू
चौरसिया, कंचन सिंह, रंजीत साहू, मनीष कुमार गुप्ता, सचिन श्रीवास्तव,
बिहारी लाल, लाल बहादुर, राजेश गुप्ता, सन्तोष कुमार श्रीवास्तव, अमरेश
पाण्डेय, महेन्द्र प्रजापति, राजाजीत तिवारी, दीपक श्रीवास्तव, संजय
शुक्ला, वीरेन्द्र पाण्डेय, आदर्श प्रजापति, संतोष राय, नरेन्द्र गिरि,
आशुतोष अस्थाना, प्रेम प्रकाश राय, शिवेश मिश्र, आलोक सिंह, सरन
प्रजापति, सीएम पाण्डेय, अखिल मिश्र आदि पत्रकार एवं गणमान्य उपस्थित थे।