कैलाशनाथ को मिले पद्म विभूषण सम्मान: प्रो आरएन त्रिपाठी

 जौनपुर। तरुणमित्र समाचार पत्र के संस्थापक एवं समूह संपादक कैलाश नाथ की पहली पुण्यतिथि सोमवार को कलेक्ट्रेट प्रेक्षागृह में स्मृति सभा के रूम में मनायी गयी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जाने-माने समाजशास्त्री बीएचयू के प्रोफेसर तथा लोक सेवा आयोग प्रयागराज उत्तर-प्रदेश के सदस्य आरएन त्रिपाठी रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा उनके चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। तत्पश्चात भारती विद्या मंदिर अहियापुर के बच्चों द्वारा गीत गाकर अतिथियों का स्वागत किया गया। 

इसके बाद जनपद ही नहीं बल्कि पूर्वांचल के प्रख्यात देवीगीत व भजन गायक राहुल पाठक ने जीवन हो तो ऐसा हो, उज्ज्वल कर दे सबका मन गाकर उनकी स्मृति को लोगों के समक्ष ताजा कर दिया। लखनऊ के संपादक योगेन्द्र कुमार एवं जौनपुर संस्करण के आदर्श कुमार ने संयुक्त रूप से सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह एवं अंग वस्त्रम् भेंट कर सत्कार किया। कार्यक्रम में स्व0 संपादक की स्मृति में प्रकासित विशेषांक का विमोचन भी हुआ। समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि प्रोफेसर त्रिपाठी ने कहा कि कैलाश नाथ कैलाश पर्वत के समान था। उनका व्यक्तित्व विराट था। जन-जन से उनका जुड़ाव था। वह महामानव थे। उनकी पत्रकारिता नदी के लहरों की भांति थी। वह असहाय सहायता समिति के माध्यम से कई ऐसे सराहनीय कार्य किए जो अतुलनीय है। सरकार को चाहिए कि उन्हें पद्भ विभूषण सम्मान दे। वह 15 रूपए की नौकरी से अपने जीवन की शुरूआत कर पांच राज्यों में इसका विस्तार किया। उनकी कलम रोकने के लिए बहुत पीड़ाएं पहुंचायी गयी लेकिन वह कभी डिगे नहीं। उनके अंदर दयालुता, सहानुभूति पूरी तरह भरी थी। 
उन्होंने आगे कहा कि कलम के धनी  कैलाश नाथ पत्रकारिता के चरित्र को कभी गिरने नहीं दिया। जनपद में सेनापति के रूप में उन्होंने ढ़ेर सारा काम किया। वह अंत तक सूरज की भांति चमकते रहे। आज तीसरी पीढ़ी उनके कार्यों को संभाले हुए है। उनके बताए गए विचारों पर चले हमारी तरफ से उनके प्रति यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी। समारोह की अध्यक्षता करते हुए पूर्वांचल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर पीसी पातंजलि ने कहा कि स्व0 कैलाश नाथ जौनपुर की धरती के महान सपूत थे। अपने समाचार पत्र के माध्यम से पूर्वांचल विश्वविद्यालय को चलाने में पूरा सहयोग किया। वह मेरे पथ प्रदर्शक तो थे ही गणेश शंकर विद्यार्थी की पीढ़ी के पत्रकार थे। निर्भिक होने के साथ-साथ उन्होंने सामाजिक समानता एवं समरसता का निर्वहन किया। वह असहायों की सहायता करते थे। उन्होंने गरीब लड़कियों की शादी में जाकर कन्यादान भी किया। वीसी कार्यकाल के दौरान उनसे बहुत कुछ सीखने को मिला। उन्हीं की बदौलत आज राष्ट्रीय स्तर पर तरुणमित्र की पहचान हो रही है। उन्हें पत्रकार, समाजसेवी, भाई, मित्र जो भी कहूं वह कम है। उनके पदचिन्हों पर चलकर ही अगर पत्रकारिता की जाए तो समाज का भला होने से कोई रोक नहीं सकता।
 स्व0 संपादक के बड़े सुपुत्र एवं लखनऊ संस्करण के संपादक योगेन्द्र कुमार ने कहा कि पूज्य पिताजी ने जो तरुणमित्र का पौधा रोपा है उसे हम पांच राज्यों में पहुंचाने मेें सफल हुए है। यह उनकी कड़ी मेहनत का आशीर्वाद है। उनकी टीम में जितने लोग रहे वह दिल से जुड़ रहे। आज वह हमारे बीच नहीं है उनकी कही हुए बातें हमें रास्ता दिखा रही है।
 इसके अलावा डा0 राम सिंगार शुक्ल गदेला, वरिष्ठ पत्रकार श्याम नारायण पाण्डेय, अनिल पाण्डेय, ग्राम विकास अधिकारी संजय राकेश, राजेश मिश्र, कुॅवर यशवंत सिंह, अनिल कांत राय, अब्दुल हक अंसारी, डा0 बृजेश यदुवंशी, कवि एवं साहित्यकार सभाजीत द्विवेदी प्रखर आदि ने समारोह को सम्बोधित किया। अंत में संयोजक एवं संपादक आदर्श कुमार ने आभार जताते हुए कहा कि इस 44 डिग्री सेल्सिएस तापमान में भी आप लोगों ने अपना बहुमूल्य समय देकर जो कार्यक्रम का गौरव बढ़ाया है इसके लिए हम सभी का दिल से आभार प्रकट करते हैं।
 इस अवसर पर राजस्थान जयपुर के पत्रकार प्रकाश चन्द्र श्रीवास्तव, तरुणमित्र लखनऊ न्यूज चैनल के पत्रकार प्रदीप विश्वकर्मा, उज्ज्वल कुमार, सुबाष पाण्डेय, कुमार वैभव, संजय राय, राजेन्द्र यादव, राम प्रसाद यादव, संतोष कुमार श्रीवास्तव, विनोद यादव, कृष्ण कुमार मिश्र, राघव विश्वकर्मा, भोले विश्वकर्मा, बेलाल जानी, राजीव साहू, मनोज सिंह, राजेश मिश्र, छोटेलाल आर्य, खूशबू, ऊर्मी विश्वकर्मा, गार्गी विश्वकर्मा, कीर्ति, हरीलाल यादव, तेज बहादुर प्रजापति, रमेश चन्द्र विश्वकर्मा, पूर्व विधायक सुरेन्द्र प्रताप सिंह, विजय प्रकाश मिश्र, जयप्रकाश मिश्र, शशिराज सिन्हा, संपादक रामजी जायसवाल, अजीत सोनी, कामरेड जय प्रकाश सिंह, सुबाष चन्द्र बोरा, कपिल देव मौर्य, राजेश श्रीवास्तव, धनी कसौधन, ओपी यादव, संजय जेब्रा, राजन तिवारी, श्री प्रकाश सोनी, केसी श्रीवास्तव, विश्व प्रकाश श्रीवास्तव, अजीत सिंह, मोहम्मद जावेद, विजय स्वरूप, अनिल कुमार, लक्ष्मी शंकर यादव, प्रकाश चन्द्र शुक्ल, संजय चौरसिया, जियालाल, मदन लाल गुप्त, सपा जिलाध्यक्ष लाल बहादुर यादव, भारती विद्या मंदिर के अध्यक्ष मनोज विश्वकर्मा, प्रधानाध्यापक कमलेश कुमार पाल, सहायक प्रबंधक नरेन्द्र कुमार गुप्त, प्रकाश विश्वकर्मा समेत तमाम गणमान्य लोग मौजूद रहे। संचालन अरविन्द उपाध्याय ने किया।

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