कर्बला के शहीद औन व मोहम्मद का निकला मातमी जुलूस
इससे पूर्व मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना आगा मोहसिन घोसी मऊ ने कहा कि कर्बला में हजरत इमाम हुसैन के साथ 71 लोगों ने जो शहादत पेश की थी उसमें उनकी बहन जनाबे जैनब के दो बेटे जनाबे औन व जनाबे मोहम्मद भी शामिल थे। मौलाना ने कहा कि जनाबे जैनब ने अपने बेटों को अपने भाई के साथ दीने इस्लाम को बचाने के लिए कुर्बान कर दिया था। उन्होंने कहा कि जनाबे जैनब ने अपने बेटों से कहा था कि तुम्हें इमाम हुसैन अ.स. के साथ कर्बला के मैदान में दीने इस्लाम को बचाने के लिए अपनी जान कुर्बान करनी पड़े तो पीछे मत हटना यही वजह थी कि जब रोजे आशूरा दस मोहर्रम को इमाम हुसैन से इजाजत लेने के बाद एक के बाद एक लोग अपनी शहादत पेश कर रहे थे तो जनाबे जैनब ने अपने भाई इमाम हुसैन के सामने अपने दोनों बेटों को पेश किया और दोनों ने हजरत इमाम हुसैन के साथ कर्बला में अपनी जान की कुर्बानी पेश की। मजलिस के बाद शबीहे ताबूत निकाला गया जिसके हमराह अंजुमन सज्जादिया नौहाखानी व सीनाजनी कर रही थी।
इससे पूर्व सोजखानी शबाब हैदर व उनके हमनवा ने किया। इससे पूर्व शायरे अहलेबैत ने पेशखानी पेश की। जुलूस अली घाट दरिया के किनारे पहुंचा जहां मौलाना सैयद बाकर मंेहदी आब्दी व मोहम्मद मूसा खान ने तकरीर किया। जुलूस अपने कदीम रास्ते से होता हुआ इमामबारगाह में जाकर समाप्त हुआ। इस मौके पर इब्बन मेंहदी, हाजी मोहम्मद मेंहदी, हादी रजा, दिलशाद लड्डू सहित अन्य लोग मौजूद रहे। जुलूस के संयोजक अंजुमन के महासचिव हसन जाहिद खान बाबू ने सभी का आभार प्रकट किया।