तकनीकी के दौर में मशीनें बताएंगी अपनी जरूरत: प्रो. देवेन्द्र सिंह

 

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में गुरुवार को इंजीनियर्स डे के अवसर पर रज्जू भैया संस्थान के आर्यभट्ट सभागार में  संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी का विषय था आत्मनिर्भर भारत में इंजीनियरों की भूमिका। इस अवसर पर बतौर  मुख्य वक्ता उत्तर प्रदेश राज्यपाल के पूर्व लीगल एडवाइजर एस एस उपाध्याय ने कहा कि प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विश्वेश्वरैया जी की क्रांति को भुलाया नहीं जा सकता उनके प्रयास से देश  विकास की राह पर है। कहा कि जितने भी अच्छे शोध हुए हैं वे अभाव में हुए हैं। उनका रिश्ता गांव से ही रहा है। उन्होंने साइबर क्राइम पर विस्तार से प्रकाश डाला और इससे बचने के उपाय भी बताएं। साइबर अपराध से बचने के लिए अपने पासवर्ड और अन्य गोपनीय चीज किसी से शेयर नहीं करें। साइबर अपराधियों से बचने के लिए सचेत रहने की जरूरत है.

आईआईटी बीएचयू के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर देवेंद्र सिंह ने कहा इंजीनियरिंग की पढ़ाई मातृभाषा में होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग की शुरुआत पॉलिसी और कानून से होती है । बिजली इंजीनियर बनाता है लेकिन बेच नहीं सकता, बेचने के लिए कानून बना है। कहा कि  होम एरिया नेटवर्क में मशीनें बोलेंगी कब, क्या इसकी जरूरत है।  यह सूचना इंटरनेट के माध्यम से आपके पास जाएगी। टेक्नोलॉजी के मामले में हम विश्व में कहीं पीछे नहीं है।  उन्होंने कहा कि बिजली की कीमत पर समाज का नजरिया सकारात्मक हो नहीं तो यह अधिक लोगों की पहुंच से दूर हो जाएगी।
इस अवसर पर कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि सबसे बड़ा अभियंता भगवान है, जिसने सृष्टि की रचना की। रामायण, महाभारत के समय भी इंजीनियर थे, जिन्होंने पुष्पक विमान बनाया था। एम विश्वेश्वरैया ने राष्ट्र निर्माण में काफी अहम योगदान दिया था। उन्होंने भारत के बांधों, जलाशयों और जल विद्युत परियोजना के निर्माण में अहम भूमिका अदा की थी। संकायाध्यक्ष प्रो बीबी तिवारी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए विश्वेश्वरैया जी के जीवन पर प्रकाश डाला। प्रो.संदीप सिंह ने  विषय प्रवर्तन किया।  शिक्षकों ने संस्थान में स्थापित मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया जी के मूर्ति पर माल्यार्पण किया। इंजीनियरिंग संस्थान में विज्ञान प्रदर्शनी, विज्ञान क्विज, पोस्टर प्रस्तुतीकरण, एक्सटेंपोर रंगोली और भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। संगोष्ठी का संचालन शेफाली, धन्यवाद ज्ञापन प्रो. अशोक कुमार श्रीवास्तव ने किया। इस अवसर पर प्रो.वंदना राय, प्रो. मानस पांडेय, प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो.देवराज सिंह, प्रो. संदीप सिंह, प्रो. रजनीश भास्कर, प्रो. रवि प्रकाश, प्रो. प्रदीप कुमार, डॉ. राजकुमार, डॉ. मनोज मिश्र, डा. गिरधर मिश्र,. संतोष कुमार, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ संजीव गंगवार, डॉ अमरेंद्र कुमार सिंह, डॉ प्रवीण कुमार सिंह ज्योति प्रशांत सिंह, पूनम सोनकर, प्रीति शर्मा, जया शुक्ला आदि  उपस्थित रहीं।

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