75वें वार्षिक निरंकारी सन्त समागम में रुहानियत व इंसानियत का दिया गया संदेश


जौनपुर। 75वां वार्षिक निरंकारी संत समागम स्वयं में दिव्यता एवं भव्यता की एक अनूठी मिसाल बना जिसमें देश-विदेशों से लाखों की संख्या में भक्तों ने सम्मिलित होकर सत्गुरु के पावन दर्शन एवं अमृतमयी प्रवचनों का आनंद प्राप्त किया। मानवता का यह महाकुम्भ सम्पूर्ण निरंकारी मिशन के इतिहास में निश्चय ही एक मील का पत्थर रहा जो सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत बना। उक्त बातें स्थानीय मीडिया सहायक उदय नारायण जायसवाल ने देते हुये बताया कि निरंकारी संत समागम के इतिहास में ऐसा प्रथम बार हुआ कि जब एक पूरा दिन सेवादल को समर्पित किया गया। सेवादल  रैली में सम्मिलित हुए स्वयंसेवकों को अपना आशीर्वाद देते हुए सत्गुरु माता ने कहा कि सेवाभाव से युक्त होकर की गयी सेवा ही वास्तविक रूप में सेवा कहलाती है। सेवा का अवसर केवल कृपा होती है, यह कोई अधिकार नही होता। उन्होंने बताया कि इस वर्ष के समागम का मुख्य विषय रहा ‘रुहानियत और इंसानियत संग संग’। समागम के समापन सत्र में समन्वयक जोगिंदर सुखिजा ने सत्गुरु माता सुदीक्षा एवं निरंकारी राजपिता रमित का हृदय से आभार प्रकट किया।

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