जानिए शादी विवाह में क्यो झूठे बर्तन धुलती है अबला नारियां
जौनपुर। शादी विवाह का माहौल चल रहा है , आप लोग भी इस शुभ अवसरों में शामिल होकर वर वधू को आशीर्वाद देने के बाद लजीज जायकेदार व्यजनों का स्वाद ले रहे है । चकाचौध माहौल में रंग विरंगी झालरों के रोशनी में शायद उन लोगो का दुःख दर्द नही पता होगा जिसने अपना और अपने बीमार पति का पेट भरने और दवा इलाज के लिए आपके झूठे बर्तन को धुलते है। इसमें सबसे अधिक बुजुर्ग अवस्था की अबला नारी ही होती है।
पेश है शिराज़ ए हिन्द डॉट कॉम की खास रिपोर्ट
यदि आप लोग किसी शादी विवाह या अन्य पार्टियों में शिरकत करने जा रहे है तो एक बार आप चकाचौध रौशनी से निकलकर पाकशाला की तरफ चले जाइए वहां पर दो चार बूढ़ी माँ लोगो के झूठे प्लेट धुलती दिखाई देंगी, जिनके चेहरे पर झुर्रियां और कापते हाथ और माथे पर चिंता की लकीरें दिखाई देंगी। ऐसी ही एक वैवाहिक कार्यक्रम में शामिल होने का मुझे भी मौका मिला । मैं भी आप लोगो तरह लजीज व्यजन जमकर उड़ाया, इसी बीच मेरी नजर पर्दे पीछे पड़ गई वहां कुछ नवजवान खाना बनाते दिखे उसके थोड़ी दूर पर खुले आसमान के नीचे दो बुजुर्ग महिलाएं जूठे प्लेट साफ कर रही रात का वख्त होने के कारण ठंड भी थी हलाकि युवाओ के लिए यह गुलाबी मौसम है लेकिन बुजुर्गों के लिए हाड़कपा देने वाली सर्दी मानी जाती है। शिराज़ ए हिन्द डॉट कॉम को उनकी मजबूरी जानने की इच्छा हुई तो मैं सीधे पर्दे के पीछे पहुंच गया , दो बूढ़ी माँ काँपती हाथों से झूठे प्लेट साफ कर रही थी उनके चेहरे पर झुर्रियां थी और माथे पर चिंता की लकीरे साफ दिखाई पड़ रही थी। मैने दोनों महिलाओं से बातचीत शुरू किया तो दोनों माँ पहले सकपका गई जब मैंने नाम पता न छापने की बात कही तब दोनों ने अपना दुःख दर्द बयां की। उनका दर्द सुनकर मैं शादी का जश्न भूलकर उनके पीड़ा में खो गया । इसमें एक माँ ने बताया कि उनके पति को लकवा मार दिया है जिसके कारण वे खाट पर है उनके दो बच्चे जो प्रदेश में अपने बाल बच्चो के साथ रहते है , दूसरी माँ का जख्म सुनने के बाद मेरे आँखों मे आशु आ गया , उसने बताया कि उसके पति की मौत हो चुकी है उसके चार नालायक बेटे है जो उन्हें छोड़कर अपने बीबी बच्चो के साथ है ।
क्या आप उनकी मदद के लिए आगे आए???
जवाब देंहटाएं