खेतासराय में यातायात माह का खुलेआम उड़ रही धज्जियां

जौनपुर। यातायात अभियान के तहत एक तरफ जहां जनपद जौनपुर में लोगों को विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से जागरूक करने का प्रयास कर रही है तथा यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्यवाही कर रही है। ऐसे में खेतासराय पुलिस महज़ हाथ पर हाथ रखी बैठी हुई है। इससे खेतासराय क्षेत्र में यातायात माह का हवा निकल रहा है। पुलिस यातायात माह के अलावा भी भूले - बिसरे कार्यवाही करने के नाम इतिश्री करती है, जितना करती नहीं उससे ज्यादा वाह - वाहवाही लूटने का कोशिश करती है। 


ऐसे में यातायात माह का धज्जियां उड़ती नज़र आ रही है। चौराहे पर खड़ी रहती है पुलिस लोग इसकी धज्जियां उड़ाते निकल जाते है। पुलिस यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं यह लोगों के समझ से परे है। यातायात माह समाप्त की ओर है लेकिन खेतासराय पुलिस लोगों को जागरूक करने के लिए कोई ठोस पहल नहीं की है। ऐसे में खेतासराय पुलिस की कार्यप्रणाली पर प्रश्नवाचक चिन्ह लग रहा है। जिससे उल्लंघन करने वालों का हौसला बढ़ता जा रहा है।


समाप्त होते इस यातायात माह पर खेतासराय पुलिस सिर्फ रस्म अदायगी तक सिमटी रही है। यातायात व्यवस्था को सुधार हेतु कोई कारगर पहल देखने को नहीं मिली है। जिसके चलते नगर में भीषण जाम लग जाता है। जिससे निजात दिलाने पुलिस हांफती रहती है। इसी जाम के झाम में लोग घटों तक फस कर रेंगते रहते है। लोग का मानना है यातायात नियमों का यदि पचास प्रतिशत सही ढंग से पुलिस पालन करें दे तो जाम की समस्या यू ही समाप्त हो जाएगी लेकिन पुलिस इसको करने की जहमत नहीं उठाना चाह रही है। इसके पीछे क्या कारण है समझ से बात परे है।


खेतासराय चौराहे पर पांच मिनट के लिए खड़े हो जाएं तो एक बाइक तीन - चार लोग सवार होकर गुजरने वालों को आसानी से देख सकते है इतना ही बल्कि आज के युग में मोटरसाइकिल में कानफाडू साइलेंसर लगाकर धड़ल्ले से दहाड़ते हुए निकल रहे है। पुलिस ऐसे लोगों पर कतरा रही है पुलिस की इस रवैये से आम लोगों का चर्चा विषय बना हुआ है पुलिस यातायात माह का हवा ढीली कर रही है।


ऑटो - रिक्शा बना जी का जंजाल


खेतासराय के आम जनता के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द ऑटो - रिक्शा है। लेकिन जानकर बताते है यह पुलिस के लिए कामधेनु गाय की तरह है। इस ऑटो - रिक्शा वालों के लिए कस्बा में कोई स्टैंड नहीं है। जिससे बेतरतीब खड़े ऑटो - रिक्शा बीच रास्ते में ही खड़ाकर बेधड़क सवारी भरने और उतारने का काम करते है। यदि आते - जाते पुलिस की नज़र पड़ भी जाती है तो पुलिस आँख बन्द करके निकल जाती है। पुलिस ऐसे लोगों पर कार्यवाही न करने से ऑटो - चालकों के हौसला बढ़ गया है। दरअसल यह ऑटो चालक भोली - भाली सवारियों से मनमाना तरीके से किराया वसूलते ही है विरोध करने का झगड़ा छोड़ मारपीट करने तक अमादे हो जाते है। मनमाना किराया न देने पर आधे - अधूरे रास्ते में उतर कर चले जाते है।


*डग्गामार वाहनों का भरमार, कार्यवाही करने से कांपती है पुलिस?


स्थानीय कस्बा राष्ट्रीय राजमार्ग होकर गुजरता है। चौराहे के पूरब की दिशा में दीदारगंज मार्ग है जो आजमगढ़ जिला को जोड़ता है। पश्चमी की दिशा में खुटहन मार्ग है। उत्तर दिशा में शाहगंज मार्ग जो तहसील को जोड़ता है। इसके दक्षिण में जौनपुर मार्ग है जो जिला मुख्यालय को जोड़ता है। जानकर बताते है चौराहे पर दीदारगंज मार्ग और खुटहन मार्ग पर सबसे ज्यादा डग्गामार वाहन है। जो बिना फिटनेस व नम्बर प्लेट के फर्राटा भर रहे है। पुलिस इन डग्गामार वाहनों पर कार्यवाही क्यों नहीं कर रही है लोग समझ नहीं पा रहे है। 


जानकर बताते है कि यह डग्गामार वाहनों पुलिस के दुधारू गाय की तरह है। नाम न बताने की शर्त एक चालक बताया कि हम लोगों का महीना देना होता है। इसको देने से चाहे जैसे जहाँ से सवारी भरकर ढोते है। किराया के सम्बंध में बताया कि मनमाना किराया नहीं लिया जाएगा तो महीना कहा से दिया जाएगा। ऐसे में पुलिस के इस रवैये के चलते यातायात नियमों को धज्जियां उड़ा रही है। इस सम्बंध में थानाध्यक्ष यजुवेंद्र कुमार सिंह ने बताया की जो गाड़िया नगर में बिना फिटनेस इंश्योरेंस प्रदूषण प्रमाण पत्र इत्यादि जरूरी प्रपत्र के अवैध रूप से चल रहीं है जल्द ही अभियान चला कर कठोर कानूनी कार्यवाही की जायेगी

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