बिजली गुल होने से ग्रामीणों को ढिबरी और कैंडल का सहारा

 

जौनपुर। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर विद्युत कर्मचारियों की हड़ताल के चलते ग्रामीण इलाकों में पिछले तीन चार दिनों से बिजली नहीं आ रही है।जिस कारण बिजली के सहारे चलने वाले घरेलू यन्त्र जैसे टी वी, फ्रीज, सबमर्सिबल पंप, मिक्सर,गीजर, वाशिंग मशीन साधन सम्पन्न लोगों के पास हैं जरूर लेकिन सब ठप पड़ गये हैं। जिनके पास इन्वर्टर हैं वह भी चार्जिंग के अभाव में बेकार पड़ गये हैं। ग्रामीण इलाकों में दो चार प्रतिशत लोगों के पास भी सोलर पैनल या जनरेटर नहीं हैं। ऐसे में सबसे बड़ी समस्या मोबाइल चार्जिंग और घर में उजाले को लेकर है। उजाले के लिए लोग वर्षों पहले भूल चुके ढिबरी, लालटेन लैम्प और कैंडल का सहारा लेने को मजबूर हैं। मिट्टी का तेल न होने के कारण जब लोग लालटेन और लैम्प में डीज़ल का प्रयोग करते हैं तो तेजी से कालिख निकलती है जिस कारण कांच जल्द ही काला पड़ जाता है ऐसे में उजाले के लिए ढिबरी और कैंडल ही सहारा है।जंघई फीडर की आपूर्ति बाधित होने से बभनियांव,गोधना,मोलनापुर, सेमरी, गोपालापुर,गरियांव, अहमदपुर,सरायखेम,नड़ार, जमुनीपुर तथा मछलीशहर  फीडर की आपूर्ति वाले बामी, करौरा, तिलौरा, कल्याणपुर बरावां ,जमुहर ,भाटाडीह, कोटवा सहित सैकड़ों गांव अंधेरे में डूबे हुए हैं।इस सम्बन्ध में नड़ार ग्राम निवासी उमाशंकर सरोज कहते हैं कि उजाले के लिए उन्होंने कांच की बोतल में छेद करके ढिबरी बना ली है जिसके सहारे से उनके घर में काम चलाऊ उजाला है। एक बार फिर पुराने दिनों की याद ताजा हो गई है।

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