घटा लड़को के अपेक्षा लड़कियों की संख्या,12 अंक की आयी गिरावट

 जौनपुर। जिले में लड़कों के अपेक्षा लड़कियों की संख्या घट गया है , लिंगानुपात में 12 अंक की गिरावट आने से जिला प्रशासन काफी गंभीर हो गया है। शुक्रवार को डीएम ने सम्बंधित अधिकारियों , पजींकृत अल्ट्रासाउंड के केंद्र संचालकों, सी.एच.सी, पी.एच.सी. के चिकित्सको को कार्यशाला में चिंता व्यक्त करते हुए सभी को निर्देश दिया कि लिंग परीक्षण कराने वालों की गोपनीय सूचना दे। उन्होंने कहा कि जनमानस लिंग असमानता के खिलाफ जागरूक हो रही है।

 पूर्व गर्भाधान एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीकी अधिनियम 1994 (पी.सी.पी.एन.डी.टी. एक्ट) विषय पर जागरूकता कार्यशाला का आयोजन विकास भवन के सभागार में किया गया। कार्यशाला में जिला प्रोबेशन अधिकारी विजय कुमार पांडेय द्वारा पीसीपीएनडीटी एक्ट का विस्तार पूर्वक प्रस्तुतिकरण किया गया।

 ए.सी.एम.ओ डॉ0 राजीव यादव द्वारा जनपद के पजींकृत अल्ट्रासाउंड के केंद्र संचालकों, सी.एच.सी, पी.एच.सी. के चिकित्सको को कार्यशाला में बताया कि 0-6 वर्ष के बच्चों का बाल लिंगानुपात जो पहले 1000 लड़कों पर 930 लड़कियां थी, घटकर 918 हो गया है, जिससे स्पष्ट हो रहा है कि बाल जन्मदर में 12 अंक की गिरावट हो रही है जोकि बहुत ही चिंतनीय है। जिसके सम्बन्ध में विधिक पहलुओं पर विस्तार से जानकारी दी गई। 

 जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने कहा कि लिंग असमानता एक सामाजिक बुराई के साथ ही कानूनी अपराध भी है। उन्होंने सभी पैथोलॉजी सेंटर के संचालकों को निर्देशित किया है कि अपने सेंटर पर पी.सी.पी.एन.डी.टी. एक्ट का पोस्टर, बैनर द्वारा प्रचार प्रसार करें और स्पष्ट रूप से प्रमुख स्थान पर लगाएं कि उनके यहाँ लिंग परीक्षण नहीं होता है। अपने सेंटर के सभी कर्मचारियों और आसपास के अस्पतालों के कर्मचारियों को भी लिंग असमानता के खिलाफ जागरूक किया जाए। जनपद में बाल लिंगानुपात घट रहा है जिसके लिए जिलाधिकारी ने अपील किया कि लिंग परीक्षण कराने वालों की गोपनीय सूचना दे। उन्होंने कहा कि जनमानस लिंग असमानता के खिलाफ जागरूक हो रही है। सरकार के द्वारा व्यापक रूप से लोगो को जागरूक किया जा रहा है। 

जिलाधिकारी ने कहा कि वर्तमान समय में लड़किया सभी क्षेत्रों में आगे है। बच्चा पैदा होने के बाद अगर कोई व्यक्ति लड़का लड़की में भेद करता है तो उसको सी.आर.पी.सी. के तहत कार्यवाही की जा सकती है। बेटियां बेटों से किसी भी मामलें में कम नहीं होती है। उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा अवैध पैथोलॉजी सेंटरों की जांचकर कार्यवाही की गई है और भविष्य में भी कड़ी कारवाई की जाएगी और फर्जी पैथोलॉजी सेंटर संचालित किए जाने या लिंग पहचान करने वाले लोगों के खिलाफ जांचकर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भी भेजा जाएगा। कार्यशाला के आयोजक जिला प्रोबेशन अधिकारी द्वारा सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया गया। 

कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी/कर्मचारी मुख्य नगर मजिस्ट्रेट देवेंद्र सिंह, बाल संरक्षण अधिकारी चंदन राय, विदिशा परीक्षा अधिकारी मुरलीधर गिरी सहित अन्य उपस्थित रहे।

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