नागरी लिपि का सम्मेलन ऐतिहासिक व सार्थक रहा:पीसी पतंजलि

नई दिल्ली।नागरी संगम पत्रिका के 45वें अखिल भारतीय नागरी लिपि सम्मेलन, विशेषांक का लोकार्पण राजघाट स्थित नागरी लिपि परिषद के केन्द्रीय कार्यालय पर मंगलवार को हुआ।
इस अवसर पर नागरी लिपि परिषद के अध्यक्ष व पूर्व कुलपति डॉ पीसी पतंजलि ने कहा कि आसाम के ग्रामीण इलाके में नागरी लिपि का सम्मेलन ऐतिहासिक व सार्थक रहा। वहां के लोगों से मिलने के बाद अपनापन की अनुभूति हुई। बच्चों ने इतना प्यार दिया कि उनके साथ मुझे भी बिहु नृत्य में शामिल होना पड़ा। नागरी लिपि परिषद के महामंत्री व संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के हिंदी सलाहकार समिति के सदस्य डॉ हरिसिंह पाल ने कहा कि इस विशेषांक में असम सम्मेलन व नेपाल में आयोजित नागरी संगोष्ठी का विशेष रूप से विवरण दिया गया है और इस सम्मेलन में पढ़ें गये शोध पत्रों को भी विशेष रूप से स्थान दिया गया है।
इस अवसर पर नागरी सेवी सरदार कादरी के निधन पर दो मिनट का मौन रखकर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि भी दी गई। इस अवसर पर मुख्य रूप से राजीव कुमार पाल पूर्व भविष्य निधि आयुक्त, प्रख्यात साहित्यकार डॉक्टर ब्रजेश कुमार यदुवंशी,आर एन पाल पूर्व संयुक्त आयुक्त व्यापार कर सहित तमाम लोग मौजूद रहे।