अगर परिंदे भी हिन्दू और मुस्लमान हो जाएं
https://www.shirazehind.com/2014/08/blog-post_548.html
ये पेड़ ये पत्ते ये शाखें भी परेशान हो जाएं !
सूखे मेवे भी ये देख कर हैरान हो गए..,
न जाने कब नारियल हिन्दू और खजूर मुसलमान हो गए......
न मस्जिद को जानते हैं , न शिवालों को जानते हैं
जो भूखे पेट होते हैं,वो सिर्फ निवालों को जानते हैं.
मेरा यही अंदाज ज़माने को खलता है.
की मेरा चिराग हवा के खिलाफ क्यों जलता है......
में अमन पसंद हूँ ,मेरे शहर में दंगा रहने दो...
लाल और हरे में मत बांटो ,मेरी छत पर तिरंगा रहने दो....
सूखे मेवे भी ये देख कर हैरान हो गए..,
न जाने कब नारियल हिन्दू और खजूर मुसलमान हो गए......
न मस्जिद को जानते हैं , न शिवालों को जानते हैं
जो भूखे पेट होते हैं,वो सिर्फ निवालों को जानते हैं.
मेरा यही अंदाज ज़माने को खलता है.
की मेरा चिराग हवा के खिलाफ क्यों जलता है......
में अमन पसंद हूँ ,मेरे शहर में दंगा रहने दो...
लाल और हरे में मत बांटो ,मेरी छत पर तिरंगा रहने दो....
बात अच्छी है, मगर अधूरी है, मेरे यार,
जवाब देंहटाएंअगर चाहिए तुम्हे दुनिया में अमन और प्यार,
तो अपनी छत पर तिरंगा भी मत रहने दो,
ये आखिरी दीवार है, इसे भी ढहने दो।
इन झंडों ने भी इंसान को बाँटा है,
दुनिया को टुकड़ों में काटा है।
उस दिन दुनिया में सचमुच अमन हो जायेगा,
जब इंसानियत मजहब और सारा जहाँ वतन हो जायेगा।