WhatsApp पर विवाद: सरकार ने वापस लिया Encryption पॉलिसी का ड्राफ्ट

 नई दिल्लीटेलिकॉम मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद ने मंगलवार को एलान किया कि सरकार नेशनल इन्क्रिप्शन पॉलिसी का ड्राफ्ट वापस लेगी। प्रसाद ने कहा, ''मैं कहा है कि ड्राफ्ट वापस लिया जाए, इसमें जरूरी बदलाव करके दोबारा इसे वापस लाया जाए।'' प्रसाद के मुताबिक, ''मैं साफ कर देना चाहता हूं कि जो सरकार की ओर से कल रिलीज किया गया, वो केवल ड्राफ्ट था। सरकार का नजरिया नहीं है। हमारी सरकार सोशल मीडिया की आजादी का समर्थन करती है। हमें सरकार की ओर से उठाए गए कदमों पर गर्व है।''
बता दें कि इस ड्राफ्ट के नियमों को मंजूरी मिलने पर यूजर्स को वॉट्सऐप और दूसरी चैट सर्विसेज के मैसेज 90 दिन तक सेव करके रखने पड़ते। पुलिस और दूसरी एजेंसियों के मांगने पर उन्हें ये मैसेज दिखाने भी पड़ते। ड्राफ्ट सामने आने के बाद लोगों ने सोशल मीडिया पर इसका तीखा विरोध किया था। ताजा घटनाक्रम पर साइबर लॉ एक्सपर्ट और सुप्रीम कोर्ट के वकील विराग गुप्ता ने कहा, ''इस मामले में तीन पक्ष थे। एक सरकार, दूसरा यूजर और तीसरा इंडस्ट्री। यूजर्स वाला क्लॉज हटाकर सरकार दोबारा से ड्राफ्ट लाएगी। मैसेज सेव करना यह यूजर्स की जिम्मेदारी नहीं है। हालांकि, सरकार इंडस्ट्री से यह लगातार बोलती रहेगी कि अगर आपको यहां बिजनेस करना है तो भारत में अपनी सर्विसेज रजिस्टर करो। ''
सरकार वॉट्सऐप, स्नैपचैट और गूगल हैंगआउट्स जैसे इंटरनेट बेस्ड कम्युनिकेशन सिस्टम से इन्क्रिप्टेड मैसेज डिलीट करने को जल्द ही गैरकानूनी बनाना चाहती थी। सरकार यह भी चाहती थी कि आपको 90 दिन पुराने सारे रिसीव्ड मैसेज प्लेन टेक्स्ट में सेव करके रखने पड़ें और किसी भी इन्वेस्टिगेशन की स्थिति में पुलिस के कहने पर दिखाने भी पड़ें। लेकिन नई ड्राफ्ट पॉलिसी पर सोमवार शाम जैसे ही विवाद हुआ, सरकार इससे पीछे हट गई। टेलिकॉम मिनिस्ट्री के स्पोक्सपर्सन एन.एन. कौल ने ‘दैनिक भास्कर’को बताया कि आम यूज़र्स को इन्क्रिप्टेड डाटा 90 दिन तक स्टोर रखने पर मजबूर नहीं किया जाएगा। वहीं, टेलिकॉम मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद ने भी मीडिया को बताया कि यह जिम्मेदारी सिर्फ इंटरनेट बेस्ड मैसेजिंग सर्विस देने वाली कंपनियों पर होगी। कोई नियम नहीं बनाया गया है। सिर्फ राय मांगी गई है। सरकार की तरफ से यह सफाई दी गई कि ड्राफ्ट पॉलिसी में सोशल मीडिया साइट्स और मैसेजिंग ऐप्स को छूट दी जाएगी। हालांकि, बैकिंग ट्रांजेक्शन के दौरान बनने वाले इन्क्रिप्टेड लॉग्स पर सरकार क्या करेगी? इसे लेकर सस्पेंस कायम है।

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