जौनपुर के बेटे का कमाल , बनाया हवाई जहाज , आसमान में उड़ते ही बजी तालियां
https://www.shirazehind.com/2017/10/blog-post_754.html?m=0
जौनपुर। जिले में प्रतिभा की कमी नही है यहां के लोग अपने दम पर दुनियां के कोने- कोने मे जिले और देश का नाम रौशन कर रहे है। आज हम आप को ऐसे होनहार बच्चे के कौशल से रू ब रू कराने जा रहे है जिसने तीन वर्ष की कड़ी मेहनत के बल पर हवाई जहाज बनाया है। यह जहाज मछलीशहर रोडवेज परिसर में किसी बड़ी जहाज की तरह रन वे पर आकर उड़ान भरी तो देखने वालो की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। अपने इलाके की इस होनहार बेटे पर सबको नाज है। सभी उसकी प्रतिभा को सलाम कर रहे है।
यह कोई एयरपोर्ट नही है जनाब ,यह जौनपुर जिले से करीब 35 किलोमीटर दूर खाखोपुर गांव है। इस गांव को एयरपोर्ट का स्वरूप किसी वैज्ञानिक या इंजिनियर नही बल्की इस गांव का कक्षा 7 का छात्र दीपक ने दिया है।
इलाहाबाद मार्ग पर स्थित मछलीशहर तहसील के खाखोपुर गांव के निवासी रामधारी पटेल का 14 वर्षीय पुत्र दीपक पटेल को बचपन से ही हवाई जहाज बनाने का शौक है। वह तीन वर्ष पूर्व गुगल पर सर्च करके हवाई जहाज बनाने तरीका सिखा, उसके बाद जहाज बनाना शुरू कर दिया। इस रिसर्च में उसका हजारो रूपये बरबाद हुआ इसके बाद भी उसने हिम्मत नही हारी, जिसका परिणाम है आज उसका सपना साकार होकर आकाश की ऊंचाईयां छूने को आतुर है। दीपक ने हवाई जहाज बनाने में किन किन उपकरणो का प्रयोग किया है वह उसे गोपनीय रखते हुए बस इतना बताया कि इसमें इलेक्ट्रानिक उपकरण और मोटर का प्रयोग किया है। सभी सामान उसने दिल्ली से मंगाया है।
अपने बेटे की प्रतिभा को भापते हुए पिता रामधारी पटेल ने पूरा साथ दिया। बेटे के कहने पर वह दिल्ली से इलेक्ट्रानिक सामान मगांकर देता रहा। आज बेटे की सफलता उसे नाज है। उसने यह भी कहा कि मेरे बेटा आगे जो भी सामान बनाना चाहेेगा मै उसका पूरा सहयोग करूंगा।
दीपक की जहाज जब रन वे पर दौड़ी तो देखने वालो की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। पल भर में दीपक सपना आसमान में उड़ने लगा। 14 वर्षीय मासूम का कारनामा देखकर सभी उसके कसीदे पढ़ते हुए सरकार से मांग किया कि ऐसे प्रतिभाओ को आगे बढ़ाने के लिए सरकार को कोई योजना बनाना चाहिए।
दीपक एक नहीं दर्जनों हवाई जहाज बना रहा है उसके कारखाने में निर्माणाधीन जहाज देखने से किसी एयर पोर्ट का स्वरूप दिखाई पड़ रहा है।
यह कोई एयरपोर्ट नही है जनाब ,यह जौनपुर जिले से करीब 35 किलोमीटर दूर खाखोपुर गांव है। इस गांव को एयरपोर्ट का स्वरूप किसी वैज्ञानिक या इंजिनियर नही बल्की इस गांव का कक्षा 7 का छात्र दीपक ने दिया है।
इलाहाबाद मार्ग पर स्थित मछलीशहर तहसील के खाखोपुर गांव के निवासी रामधारी पटेल का 14 वर्षीय पुत्र दीपक पटेल को बचपन से ही हवाई जहाज बनाने का शौक है। वह तीन वर्ष पूर्व गुगल पर सर्च करके हवाई जहाज बनाने तरीका सिखा, उसके बाद जहाज बनाना शुरू कर दिया। इस रिसर्च में उसका हजारो रूपये बरबाद हुआ इसके बाद भी उसने हिम्मत नही हारी, जिसका परिणाम है आज उसका सपना साकार होकर आकाश की ऊंचाईयां छूने को आतुर है। दीपक ने हवाई जहाज बनाने में किन किन उपकरणो का प्रयोग किया है वह उसे गोपनीय रखते हुए बस इतना बताया कि इसमें इलेक्ट्रानिक उपकरण और मोटर का प्रयोग किया है। सभी सामान उसने दिल्ली से मंगाया है।
अपने बेटे की प्रतिभा को भापते हुए पिता रामधारी पटेल ने पूरा साथ दिया। बेटे के कहने पर वह दिल्ली से इलेक्ट्रानिक सामान मगांकर देता रहा। आज बेटे की सफलता उसे नाज है। उसने यह भी कहा कि मेरे बेटा आगे जो भी सामान बनाना चाहेेगा मै उसका पूरा सहयोग करूंगा।
दीपक की जहाज जब रन वे पर दौड़ी तो देखने वालो की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। पल भर में दीपक सपना आसमान में उड़ने लगा। 14 वर्षीय मासूम का कारनामा देखकर सभी उसके कसीदे पढ़ते हुए सरकार से मांग किया कि ऐसे प्रतिभाओ को आगे बढ़ाने के लिए सरकार को कोई योजना बनाना चाहिए।
दीपक एक नहीं दर्जनों हवाई जहाज बना रहा है उसके कारखाने में निर्माणाधीन जहाज देखने से किसी एयर पोर्ट का स्वरूप दिखाई पड़ रहा है।
Congratulations to him and his family for a good work, sure he will become scientist
जवाब देंहटाएंu prove that our village student also has capability compare to city students who got more resource then u
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