पानी बचाने में सरकारी मशीनरी उदासीन

जौनपुर। तुम्हारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है मगर ये आंकड़े झूठे हैं ये दावा किताबी है,.. अदम गोंडवी की यह लाइनें विकास विभाग की ओर से प्राकृतिक जल संपदा को सहेजने को लेकर किए जा रहे दावों पर सटीक बैठती है। मानसून की आहट महसूस होने के बाद भी तालाबों की सूरत संवारने को अधिकारी सचेत नहीं हुए हैं। तालाबों को सहेजने को लेकर सरकारी मशीनरी की बेफिक्री जल संचयन पर भारी पड़ती नजर आ रही है। खास बात है कि गत वर्षों में मुख्यमंत्री जल बचाओ अभियान के तहत तलाबों को संवारने की मुहिम के दौरान ही तालाबों की तलाश शुरू की, लेकिन अभियान के साथ ही कदम ठिठक गए। हालात यहां तक पहुंचे की तालाबों की ओर झांकने को भी जिम्मेदार नहीं पहुंचे। लिहाजा बारिश के पानी को तालाब और नदियों में समेटने के लिए प्राकृतिक स्त्रोत बदहाल पड़े हैं। इससे इतर भूर्गभ जल और प्राकृतिक जलस्त्रोतों का वजूद मिटाने वाले दोनों हाथों से इसे लूटने में लगे हैं। मानसूनी बारिश के अलावा सामान्य बरसात में आसमान से गिरने वाले लाखों लीटर पानी को समेटने से ही भविष्य में जीवन को सुरक्षित रखा जा सकता है। इसके लिए प्राकृतिक जलस्त्रोतों को सहेजने की अहम जरूरत की ओर गौर किया जाना चाहिए। इससे पहले भूगर्भ से मीठे पानी की बार्बादी को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाने की जरूरत है। लिहाजा जनभागीदारी के बगैर इस महाभियान को संभव बनाया जाना बेहद कठिन होगा। आम तौर पर देखा जाता है कि धरती के भीतर तथा सतह पर जलस्त्रोतों का दोहन करने की व्यापक प्रक्रिया गतिमान है। यहां तक की पानी के व्यापार में भी बर्बादी दिखती है। जबकि दोहन के अनुपात में जल के संचयन और संरक्षण को लेकर सरकारी मशीनरी और आमजन भी सतर्क नहीं हुआ है। वह भी ऐसे हालात में जबकि पेयजल की किल्लत तथा घटते जल स्तर से सभी भिज्ञ हो चुके हैं। अब वक्त आ चुका है कि सबसे पहले वर्षा के जल को बर्बाद होने से रोका जाए। ज्ञात हो कि सराकार द्वारा तालाबों को सहेजने का महाभियान चलाया गया था। गौर किया जाए तो गत वर्ष तालाबों के नव निर्माण तथा सौंदर्यीकरण पर करोड़ों रुपया खर्च किए जाने के बाद इसकी दशा को दुरुस्त रखने पर ध्यान नहीं दिया गया। तत्समय बारिश के कारण अधूरे पड़े तालाबों का निर्माण अभी तक पूरा नहीं कराया गया। मौजूदा समय म ं तालाब की दशा जल संचयन की मुहिम को आइना दिखाने के लिए काफी है। इस बाबत मनरेगा उपायुक्त का कहना है कि तालाबों के निर्माण की कार्ययोजना तैयार है। लगातार तालाबों का निर्माणा तथा जीर्णोद्धार कराया जा रहा है।

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