वसीम रिजवी पर आरएसएस के बड़े नेताओं का हाथ : कल्बे जव्वाद
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जौनपुर।
शिया धर्म गुरु मौलाना कल्बे जव्वाद ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा
कि अयोध्या में मंदिर-मस्जिद का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है और
जो न्यायालय का फैसला आएगा उसे हम सबको मानना चाहिए। शिया वक्फ बोर्ड के
चेयरमैन वसीम रिजवी जिस तरह से एक के बाद एक विवादित बयान देकर सस्ती
लोकप्रियता हासिल कर मीडिया की सुर्खियां बटोर रहे है। उससे तो यही लगता है
कि आरएसएस के बड़े नेताओं का हाथ उनके सर पर है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री
योगी आदित्यनाथ द्वारा वक्फ के घोटाले की सीबीआई जांच की सिफारिश होने के
बावजूद भी उन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। वसीम रिजवी ने पूर्व मंत्री
आजम खान के साथ मिलकर कई बड़े घोटाले किये है और उन्होंने हमारे सबसे बड़े
धर्मगुरु आयतुल्लाह सिश्तानी के बारे में बोला था तो सभी उलेमाओं ने एकजुट
होकर शिया कौम से खारिज कर दिया था। इसलिए उनके बयान पर कोई तव्वजों शिया
कौम नहीं देती।
भारत और इरान के रिश्ते
पर कहा कि इरान हमेशा भारत का दोस्त रहा है और जिस तरह से अमेरिका पूरी
दुनिया में अपनी दादागिरी कर इरान को बर्बाद में जुटा है उससे सतर्क रहने
की जरुरत है। इरान हमें सस्ते तेल आयात करता है जिससे भारत को फायदा होता
है और हम उम्मीद करते है कि भारत सरकार इस रिश्ते को निभाती रहेगी। गुजरात
में हो रहे उत्तर भारतीयों के हमले पर उन्होंने चिंता जतायी और कहा कि यह
देश हम सबका है और कोई भी हिन्दुस्तान का नागरिक कहीं भी जाकर काम कर सकता
है, ऐसी राजनीति देश तोड़ने के काम के लिए कुछ लोग कर रहे है, उनसे सतर्क रहने
की जरुरत है। 2019 के लोकसभा चुनाव में शिया कौम उनका सपोर्ट करेगी जो
उनके हक को दिलाने की बात कहेगी। इस मौके पर मौलाना सफदर हुसैन जैदी, सै.
शहंशाह हुसैन रिजवी, अजादारी कौन्सिल के महासचिव तामिर हसन शीबू, जफर
मेंहदी, सै. जरगाम एहसन एडवोकेट मौजूद रहे।