जानिए क्यों बर्खास्त किये गए तहसीलदार
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जौनपुर । उत्तर प्रदेश शासन आज मछलीशहर के तहसीलदर को बर्खास्त कर दिया है , उनके ऊपर आरोप है कि वे कौशाम्बी जिले के मंझनपुर तहसील में तैनाती के समय दो मामलो में गलत फैसला दिया था । जिसे शासन ने खुद संज्ञान में लेते हुए जाँच बैठा दिया था , करीब 5 वर्षो तक चले जाँच में दोषी पाये जाने पर आज उनकी सेवा समाप्त कर दिया गया ।
मछलीशहर के तहसीलदार संतोष कुमार सोनकर सन् 2015 में कौशाम्बी जनपद के मंझनपुर में तैनात थे । उनके ऊपर मार्च 2015 में ग्राम सभा पाता परगना करारी में असंक्रमणीय जमीन को गैर क़ानूनी तरीके से संक्रमणीय भूमिधरी घोषित कर दिया गया । इसी तरह दूसरे मामले कृषि पट्टा की जमीन को असनकर्णीय कर दिया गया । यह मामला सामने आने के बाद शासन ने इसकी जाँच कमिशनर इलाहबाद को सौप दिया । जाँच करीब पांच वर्ष तक चली जाँच में दोषी मिलने पर राजस्व परिषद आयुक्त ने उन्हें बर्खास्त कर दिया ।
मछलीशहर के तहसीलदार संतोष कुमार सोनकर सन् 2015 में कौशाम्बी जनपद के मंझनपुर में तैनात थे । उनके ऊपर मार्च 2015 में ग्राम सभा पाता परगना करारी में असंक्रमणीय जमीन को गैर क़ानूनी तरीके से संक्रमणीय भूमिधरी घोषित कर दिया गया । इसी तरह दूसरे मामले कृषि पट्टा की जमीन को असनकर्णीय कर दिया गया । यह मामला सामने आने के बाद शासन ने इसकी जाँच कमिशनर इलाहबाद को सौप दिया । जाँच करीब पांच वर्ष तक चली जाँच में दोषी मिलने पर राजस्व परिषद आयुक्त ने उन्हें बर्खास्त कर दिया ।