जफराबाद।अहिल्याबाई होल्कर का चरित्र महिला सशक्तिकरण का सबसे बड़ा उदाहरण है।उन्होंने अपने जीवन मे इसे सिद्ध किया था।यह बातें सिरकोनी विकास खण्ड मुख्यालय पर अहिल्याबाई होल्कर की त्रिशताब्दि स्मृति अभियान के अंतर्गत आयोजित महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम में बोलते हुए पूर्व विधायक डॉ हरेन्द्र प्रसाद सिंह ने कही।
उन्होंने कहा कि अहिल्याबाई होल्कर का जन्म 31 मई 1725 में हुआ था।आठ वर्ष की उम्र में इनकी शादी हुई।इनके व्यक्तित्व से प्रभावित होकर मालवा के राजा महाराव ने इनसे शादी किया।इनके पति के म्रुत्यु के बाद वर्ष 1767 में इनका राज्याभिषेक हुआ।राज्य की आर्थिक हालात जर्जर थे।उन्होंने महिलाओं को प्रेरित करके प्रसिद्ध मालेश्वर साड़ियों सहित अन्य कई क्राफ्ट के सामान महिलाओं का समूह बनवाकर कराया।जिससे महिलाओं की आर्थिक हालात के साथ ही राज्य की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई।उन्होंने सुरक्षा की दृष्टि से प्रशिक्षण दिलवाकर महिला सैनिक बल का भी गठन किया।वे न्यायप्रिय शासक थी।महिलाओं के उत्थान के लिये उनके द्वारा उठाये गए कदम आज भी उपयोगी है।कार्यक्रम में उन्होंने कुछ अच्छे कार्य करने वाली समूह की महिलाओं को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।कार्यक्रम को बतौर विशिष्ट अतिथि उषा किरण, सीडीपीओ इंद्रा पाल,सर्वेश सिंह,रमेश जायसवाल,अखिलेन्द्र सिंह, शशिकांत पाठक ने भी सम्बोधित किया।अध्यक्षता बीडीओ नीरज जायसवाल तथा संचालन रामजी सिंह ने किया।
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