स्थानीय पुलिस और फोरेंसिक टीम जांच में जुटी, इलाके में दहशत का माहौल
बदलापुर (जौनपुर)। बदलापुर कोतवाली क्षेत्र में अपराधियों ने एक ही रात दो घरों को निशाना बनाकर पुलिस को खुली चुनौती दे डाली। चोरों ने दो अलग-अलग घरों में सेंध लगाते हुए करीब 40 लाख रुपए के जेवरात और 10 लाख रुपए की नकदी पर हाथ साफ कर दिया। इस दुस्साहसिक वारदात से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया है।
🔴 पहली वारदात: रिटायर्ड स्टेशन अधीक्षक के घर
पूरा मुकुंद गांव निवासी राजेंद्र प्रताप सिंह, जो रेलवे से रिटायर्ड स्टेशन अधीक्षक हैं, उनके घर चोर रात के सन्नाटे में दाखिल हुए। घर का मुख्य दरवाजा खुला था और परिवार गहरी नींद में था। उनका पुत्र सुनील कुमार सिंह पढ़ाई कर रहा था, तभी उसे आहट मिली।
जांच में सामने आया कि चोरों ने पहले सभी कमरों को बाहर से कुंडी लगाकर बंद कर दिया और फिर आराम से अलमारी का ताला तोड़कर लगभग 25 लाख के जेवरात और 4 लाख की नकदी ले उड़े।
सुनील के जगने पर चोर छत के रास्ते भाग निकले और फोरलेन पार कर फरार हो गए।
🔴 दूसरी वारदात: सपा नेता के घर भी निशाना
चोरी की दूसरी घटना ग्राम बिठुआ खुर्द में समाजवादी पार्टी के नेता महेंद्र यादव के घर हुई। यहां भी वही पैटर्न अपनाते हुए चोरों ने सभी कमरों को बाहर से बंद किया और 15 लाख के आभूषण तथा 6 लाख रुपये नगद चुरा लिए।
रात में लघुशंका के लिए बाहर निकलने की कोशिश में महेंद्र यादव के भाई को दरवाजा बंद मिला। मोबाइल से सूचना देने पर महेंद्र यादव ने दरवाजा खोलकर अंदर प्रवेश किया तो पाया कि अलमारी टूटी हुई है और लाखों की चोरी हो चुकी है।
🔍 पुलिस की जांच और फोरेंसिक टीम की पड़ताल
घटना की जानकारी मिलते ही क्षेत्राधिकारी विवेक कुमार सिंह और प्रभारी निरीक्षक अरविंद कुमार पांडे पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंच गए।
फॉरेंसिक टीम को भी मौके पर बुलाया गया, जिसने घटनास्थल से साक्ष्य जुटाए हैं। क्षेत्राधिकारी ने बताया कि दोनों मामलों में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और बहुत जल्द खुलासा किया जाएगा।
"एक ही रात दो घरों में चोरी, 50 लाख की सेंध – ये कोई साधारण चोरी नहीं, बल्कि संगठित गिरोह की साजिश है," – इलाके के एक स्थानीय नागरिक ने बताया।
इस सनसनीखेज घटना के बाद से ग्रामीणों में भय और आक्रोश का माहौल है। लोगों ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए रात्रि गश्त बढ़ाने की मांग की है। अब देखना यह है कि पुलिस इस चुनौती को कैसे पार करती है और क्या पीड़ितों को न्याय मिल पाता है?
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