स्थानीय यात्रियों का कहना है कि कुछ खास लोग रोज सुबह टिकट खिड़की पर पहुंचकर दूसरों के लिए टिकट बुक करते हैं, जिससे आम जनता को टिकट नहीं मिल पा रहा है। मजबूरन कई यात्री मायूस होकर खाली हाथ लौट जा रहे हैं।
गौरतलब है कि विवाह-शादी का सीज़न खत्म होते ही गुजरात और महाराष्ट्र जैसे शहरों से बड़ी संख्या में प्रवासी ग्रामीण क्षेत्रों की ओर लौट रहे हैं, जिससे ट्रेनों में भारी भीड़ देखी जा रही है। मांग और आपूर्ति में अंतर का फायदा उठाकर टिकट दलाल जमकर मुनाफा कमा रहे हैं।
यात्रियों ने रेलवे प्रशासन से मांग की है कि तत्काल टिकट प्रणाली में पारदर्शिता लाई जाए और दलालों पर सख्त कार्रवाई हो, ताकि आम लोगों को राहत मिल सके।
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