मुख्यमंत्री और डीएम से लगाई न्याय की गुहार
जफराबाद (जौनपुर): जफराबाद थाना क्षेत्र के रामनगर भरसरा निवासी एक युवक ने थाने में तैनात उप निरीक्षक पर गंभीर आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री और जिलाधिकारी से न्याय की गुहार लगाई है। पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया है कि दरोगा द्वारा उत्पीड़न से तंग आकर पूरा परिवार आत्महत्या को विवश है।
युवक आकाश सिंह का आरोप है कि थाने में तैनात उप निरीक्षक संजय गौड़ ने अर्दली के साथ मिलकर उन्हें थाने बुलाया और बंद कमरे में बेल्ट व लात-घूंसों से बुरी तरह पीटा। आरोप है कि मारपीट के दौरान उनसे जबरदस्ती एक सादे कागज पर महंगी जमीन अर्दली के नाम रजिस्ट्री कराने के लिए लिखवाया गया।
पीड़ित ने बताया कि कुछ वर्ष पूर्व एक व्यक्ति, जिसने खुद को अपर जिलाधिकारी का अर्दली बताया था, ने उनकी मां से एक जमीन खरीदने की बात कही थी। कुछ रकम लेने के बावजूद समय पर रजिस्ट्री नहीं कराई गई। बाद में ज़रूरत पड़ने पर जमीन किसी अन्य को बेच दी गई। इसको लेकर विवाद हुआ और अर्दली की शिकायत पर दरोगा ने कार्रवाई करते हुए पीड़ित की मां को थाने बुलाने का दबाव बनाते हुए युवक को थाने बुलाया।
थाने में बंद कमरे में मोबाइल और अन्य सामान जब्त कर पीड़ित से जबरन रजिस्ट्री का लिखित मुआयदा कराया गया। दरोगा ने धमकी दी कि यदि तय समय में रजिस्ट्री नहीं की गई तो फर्जी मुकदमे में जेल भेज देंगे।
इस मामले में आकाश और उनकी मां सुमन सिंह ने उच्चाधिकारियों से लिखित शिकायत कर न्याय की मांग की है और चेतावनी दी है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो वे आत्महत्या करने को मजबूर होंगे।
इस संबंध में थानाध्यक्ष विश्वनाथ प्रताप सिंह का कहना है कि अर्दली की शिकायत पर मामले की जांच के लिए उप निरीक्षक संजय कुमार को जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन उन्होंने थाने में क्या किया, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है।
वहीं, आरोपी उप निरीक्षक संजय कुमार का कहना है कि अर्दली ने ढाई वर्ष पूर्व आकाश की मां को 14 लाख रुपये दिए थे, लेकिन जमीन की रजिस्ट्री किसी और के नाम कर दी गई। मामले को लेकर दोनों पक्षों को थाने बुलाकर आपसी समझौते का प्रयास किया गया था।
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