जौनपुर। सावन माह के प्रथम सोमवार के दिन जनपद के सभी शिवालयों की साफ़ सफाई की गई। सुरक्षा के सारे कार्य किये गये। वहीं मुख्यालय से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित धर्मापुर बाजार में प्राचीन शिव मंदिर के तालाब में पड़ी कूड़े कचरे और गंदगी देख शिवभक्तों में रोष व्याप्त है। सावन में शिव भक्तों का आना-जाना मंदिर परिसर में लगा हुआ है।जलाभिषेक करने वालों का तांता लगा हुआ है। वहीं बाबा धाम जाने वाले कांवरिया भी उधर से गुजरते हैं तो तालाब के मध्य भव्य बना शिव मंदिर देख वहां पर विश्राम करने लगते हैं। दर्शन—पूजन भी करते हैं। ऐसे में तालाब में गंदगी, कूड़ा, कचरा और उठ रहे बदबू से शिवभक्तों में आक्रोश व्याप्त है। साफ—सफाई न होने से स्थिति खराब हो गई है। बता दें कि धर्मापुर बाजार का यह शिव मंदिर अपने आपमें एक अनूठा मंदिर है। अमृतसर स्वर्ण मंदिर की तर्ज पर इसकी बनावट हुई है। जौनपुर के राजा श्री कृष्ण दत्त दुबे ने वर्ष 1943 में इस मंदिर का निर्माण करवाया था।
कोई भी प्रशासनिक अधिकारी ने नहीं किया है निरीक्षण
मंदिर पुजारी लालजी यादव ने कहा कि सावन की तैयारी को लेकर प्रशासन से कोई अधिकारी यहां निरीक्षण करने नहीं आया था। महज़ एक सफाईकर्मी को तैनात गया है। रविवार को मंदिर के मुख्य द्वार पर चुने का छिड़काव किया था। कुछ समय पूर्व मैंने तालाब के पानी को बदलवाया था। पूर्ण रूप से तालाब की साफ़ सफाई होनी चाहिए जिससे मन्दिर की भव्यता सुन्दरता दिख सके।
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