आवास, भूमि और रोजगार को लेकर एकजुट मुसहर, समस्यायें हल न हुई तों सड़क पर उतरेंगें

सुरियावां।  आजादी के 68 वर्ष गुजर जाने के बाद भी एक अदद झोपड़ी, रास्ता, पीने के लिए पानी, मनरेगा में काम, राशन कार्ड और गरीबी रेखा सूचि से वंचित मुसहर समुदाय जहां अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहा है, वहीं अपने मूल भूत अधिकारों को लेकर एक जुट हो रहे हैं। बावन बीघे तालाब पर सम्पन्न एकता परिषद मुसहर पंचायत में 22 गांवों के मुसहरों ने कहा है कि आवस, भूमि,मनरेगा के कामों और मजदूरी, राशन कार्ड, रास्ता, पीने के लिए पानी आदि के सैकड़ों मामले जिला प्रशासन को सौपे गये हैं समय रहते यदि मुसहर समुदायों के ज्वलंत मामलों का हल नही हुआ तो मुसहर समाज अपने हक और सम्मान के लिए सड़कों पर उतरने को तैयार हैं।
एकता परिषद जिला कमेटी की मुखिया निर्मला बनबासी और हुबलाल की अध्यक्ष्ता में सम्पन्न मुसहर पंचायत में चकवैदिक गांव से श्रीमती गीता देवी ने कहा कि मेरे पति का देहान्त हो गया है मेरे छोटे छोटे बच्चे हैं मेरे पास आवास की समस्या है।बलीपुर गांव से ज्ञान देवी ने कहा कि हमारे पास घर बनाने के लिए जमीन नही है।अबर्ना से रमेश बनबासी ने कहा कि पिछले एक साल से हम लोगों को मनरेगा में काम नही मिल रहा है।बहुता चकडाही से रामरती बनबासी ने कहा कि हमारे बस्ती में कोई भी सेवाप्रदाता नही आता हम लोगों के साथ भेद भाव होता है चकखुशिहाल से मिन्टर देवी ने कहा कि हमें राशन नही मिलता है और हमारा राशन कार्ड ग्राम प्रधान के पास है। विकास खण्ड भदोही के जमुआ गाॅंव की रन्नो देवी ने कहा कि हम मुसहरों का बी0पी0एल0 सूची में नाम न होने के कारण हमें सरकारी आवास से वंचित होना पड़ रहा है। मुसहर पंचायत की अध्यक्ष्यता करते हुए निर्मला बनबासी ने कहा कि जहां कई पीढीयों से आबाद मुसहर परिवारों को बेदखल किया जा रहा है वहां सरकार से मिले पटटों पर दबंगो का कब्जा है।
हुबलाल बनबासी ने कहा कि इन्दिरा और लोहिया का लाभ अपात्रों को मिल रहा है तथा गरीब मुसहरों से आवास के लिए पैसे मांगे जा रहे हैं।एकता परिषद, पूर्वांचल के संयोजक द्विजेंद्र विश्वात्मा ने कहा कि पूर्वांचल के लाखों मुसहर परिवारों का आज भी इज्जत के साथ दो वक्त की रोटी के लिए दर दर भटकना पड़ रहा है। वंचितों के हक भूमि सुधार पुनर्वितरण कार्यक्रम पर नये सिरे से विचार होना चाहिए तथा जल्द से जल्द 2002 की गरीबी रेखा सूची रद्द होनी चाहिए तथा किसी भी योजना के लिए 2002 की सूची को आधार बनाना बेमानी है क्योंकी 2002 की सूची में असली गरीबों के के नाम गायब है।
मुसहर पंचायत के दौरान इण्डिया अनहर्ड के समन्वयक अन्शूमान सिंह ने कहा कि सभी मूलभूत सुविधाओं के साथ मुसहर समुदाय को आजिविका सुरक्षा देना सरकार की जिम्मेदारी है। इसके बावजूद सामाजिक सुरक्षा योजनाबों से मुसहर समाज वंचित है जिसके सामाजिक संगठन मुसहर समाज मंे हक और सम्मान की लड़ाई का समर्थन करते हैं और स्थानिय प्रतिनिधि अनिल सरोज ने मुसहर समुदाय की दुःख भरी दास्ता को संकलित करते हुए उन्होने कहा कि समस्याओं को उच्च स्तर तक सम्पे्रसित कर यथोचित कार्रवाई का प्रयास वीडियो वालेन्टिर्स करेगा।इस अवसर पर मुसहर समुदायों के जमीनी हकीकत पर बनाई गई कहानियों का प्रस्तुतीकरण भी हुआ।
जन सहयोग मंच से चमेला देवी,पन्नालाल कनौजिया, मन्जू देवी, बृजबाला गौतम, काशीनाथ गौतम, ने मुसहर समुदसय के हक और सम्मान की लड़ाई का समर्थन किया।
इस अवसर पर सामाजिक संगठनों की ओर से नन्हेलाल सरोज, वन्दना दूबे, विनोद कनौजिया, मनोज सिंह ने भी अपना समर्थन दिया।




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