ठण्ड के मौसम में नवजात शिशु को कैसे बचायें’ विषयक गोष्ठी आयोजित
https://www.shirazehind.com/2015/11/blog-post_339.html?m=0
जौनपुर। नगर के रूहट्टा स्थित एक बाल चिकित्सालय में शुक्रवार को ‘ठण्ड के मौसम में नवजात शिशु को कैसे बचायें’ विषयक गोष्ठी का आयोजन हुआ जहां बाल रोग विशेषज्ञ डा. मुकेश शुक्ल ने कहा कि नवजात शिशु अपनी समस्या बोलकर नहीं बता सकते। सर्दियों में यदि उनके शरीर का तापमान कम होने लगे तो उनकी जान जोखिम में पड़ सकती है। आवश्यक यह है कि बच्चे को बराबर गर्म रखें। यदि गलती से उसे ठण्ड लग जाय तो उसका उपचार योग्य चिकित्सक से तत्काल करायें। उन्होंने कहा कि निमोनिया के दो लक्षण प्रमुख हैं। एक खांसी और दूसरा सांस चलना। ऐसे बच्चों को अक्सर बुखार भी रहता है। निमोनिया यदि 3 माह से छोटे बच्चों में हो तो ज्यादा खतरनाक होता है। ज्यादातर मामलों में निमोनिया वैक्टीरिया या वायरस के संक्रमण से होता है। कुछ बच्चों में जन्मजात विकार सांस की नली में रूकावट, एचआईवी संक्रमण या दिल में जन्मजात विकार होने से निमोनिया होता है। इस दौरान डा. शुक्ल ने लक्षण के साथ उपचार की विधि भी बताया। इस अवसर पर डा. शिखा शुक्ला, डा. वीरेन्द्र यादव, डा. पवन चैरसिया, डा. वीपी गुप्ता, डा. गौरव प्रकाश मौर्य, डा. शशांक श्रीवास्तव, डा. पल्लवी श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे।

