ग्राम प्रधान के चुनाव में सात पुश्तो के विवाद का बदला लेने को तैयार है मतदाता !
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जौनपुर। ग्राम प्रधानी का चुनाव पूरे सबाब पर पहुंच गया है। प्रत्याशी अपनी जीत पक्की करने के लिए मतदाताओ को बड़े बड़े लुभावने सपने दिखा रहे है। वही कई गांवो में सात पुश्त की छोटी मोटी दुश्मनी कब्र से निकलकर सामने आ गयी है। उन गांवो के लोग अपने दादा परदादा के साथ किये गये र्दुव्यहार का भी बदला इस चुनाव में निकाल रहे है। इनमें किसी प्रत्याशी के पिता या दादा ने मतदाता के दादा पिता को चुनाव में पटखनी दिया था या किसी प्रत्याशी के परिवार वालो ने वर्षो पहले मतदाता के परिवार वालो के मांगने पर खुरपी कुदाल नही दिया था । यह सब मामला उभरकर सामने आ रहा। इस छोटे मोटे विवाद को लेकर प्रत्याशियों का विरोध हो रहा है। साथ में पट्टीदारी और जमीन जायदाद का झगड़े का भी बदला लिया जा रहा है।
ग्राम प्रधान पद के चुनाव के लिए पहले चरण का मतदान आगामी 28 नवम्बर को डाला जायेगा। जैसे जैसे मतदान का दिन करीब आ रहा है वैसे वैसे प्रत्याशी मतदाताओ को रिझाने का काम तेज कर दिया है। कोई रूपये पैसे दारू मुर्गा बाट रहा है तो कोई कम्बल व अन्य उपहार मतदाताओ को देने के साथ उनका पैर पकड़कर वोट की भीख मांग रहा है। इस गवई राजनीत में मतदाताओ ने पुश्तैनी विवाद का भी बदला लेने को ठान लिया है। ऐसे मतदाताओ का कहना है कि फला प्रत्याशी के पिता ने मेरे पिता को पहले चुनाव हरा दिया था उसका बदला लेने का समय आ गया है। इस उसे हराकर बदला लेगें। कोई मतदाता कह रहा कि कई वर्ष पूर्व मेरे पिता ने उस प्रत्याशी के परिवार वाले से खुरपी और कुदाल मांगा था तो उसने परिवार वालो ने नही दिया तो हम वोट कैसे देंगे। इसी के साथ पट्टीदारी का विवाद और जमीनी झगड़ा भी उभकर सामने आ गया है।
ग्राम प्रधान पद के चुनाव के लिए पहले चरण का मतदान आगामी 28 नवम्बर को डाला जायेगा। जैसे जैसे मतदान का दिन करीब आ रहा है वैसे वैसे प्रत्याशी मतदाताओ को रिझाने का काम तेज कर दिया है। कोई रूपये पैसे दारू मुर्गा बाट रहा है तो कोई कम्बल व अन्य उपहार मतदाताओ को देने के साथ उनका पैर पकड़कर वोट की भीख मांग रहा है। इस गवई राजनीत में मतदाताओ ने पुश्तैनी विवाद का भी बदला लेने को ठान लिया है। ऐसे मतदाताओ का कहना है कि फला प्रत्याशी के पिता ने मेरे पिता को पहले चुनाव हरा दिया था उसका बदला लेने का समय आ गया है। इस उसे हराकर बदला लेगें। कोई मतदाता कह रहा कि कई वर्ष पूर्व मेरे पिता ने उस प्रत्याशी के परिवार वाले से खुरपी और कुदाल मांगा था तो उसने परिवार वालो ने नही दिया तो हम वोट कैसे देंगे। इसी के साथ पट्टीदारी का विवाद और जमीनी झगड़ा भी उभकर सामने आ गया है।

