भगवान की प्राप्ति के लिये ज्ञान, भक्ति व वैराग्य आवश्यकः सरस्वती जी महाराज
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गोवर्धन पूजा व राधाकृष्ण की आकर्षक झांकी देखकर भक्तजन हुये भाव-विभोर
जौनपुर। वासना की 7 गांठें होती हैं। पति-पत्नी की गांठ, पिता-पुत्र की गांठ, खेती, नौकरी, व्यापार की गांठ। उससे जो लाभ होता है वह है- धन, मकान, खानदान, गांव या मोहल्ले की गांठ। सातों से मोह टूटता है तब जीव का मोक्ष होता है। जन्म-मृत्यु से रहित आनन्द स्वरूप पाना ही आत्मा को पाना ही मोक्ष है। संसार सुख के पीछे दीवाने लोग वासना के द्वारा मारे जाते हैं। जो मानव तन अमृत पाने का उत्तम साधन है, उससे संसार में छिपे विष तुल्य सुखों में व्यर्थ नष्ट कर देते हैं। उक्त विचार पूर्वांचल की शक्तिपीठ मां शीतला चैकियां धाम में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा में महाराष्ट्र से पधारे स्वामी श्री आत्म प्रकाश सरस्वती जी महाराज ने व्यक्त किया। उन्होंने आगे बताया कि भगवान की प्राप्ति के लिये ज्ञान, भक्ति, वैराग्य तीनों आवश्यक है। जाति, धर्म व भाषा के नाम पर समाज में जहर घोलने वाले इंसान भगवान की निगाह में सबसे बड़े अपराधी हैं, क्योंकि हर जाति, धर्म व भाषा के परमात्मा वही है। इस दौरान गोवर्धन पूजा व राधाकृष्ण व सखियों की आकर्षक झांकी प्रस्तुत की गयीं जिसको देखकर भक्त भाव-विभोर हो गये। इस अवसर पर मनोज मौर्य, प्रवीण पण्डा, दीपक राय, सचिन गिरि, मेवा लाल यादव, संतोष मौर्य, विनय कुमार, राजेन्द्र साहू, मदन साहू, विपिन माली के अलावा सैकड़ों भक्तजन उपस्थित रहे।
जौनपुर। वासना की 7 गांठें होती हैं। पति-पत्नी की गांठ, पिता-पुत्र की गांठ, खेती, नौकरी, व्यापार की गांठ। उससे जो लाभ होता है वह है- धन, मकान, खानदान, गांव या मोहल्ले की गांठ। सातों से मोह टूटता है तब जीव का मोक्ष होता है। जन्म-मृत्यु से रहित आनन्द स्वरूप पाना ही आत्मा को पाना ही मोक्ष है। संसार सुख के पीछे दीवाने लोग वासना के द्वारा मारे जाते हैं। जो मानव तन अमृत पाने का उत्तम साधन है, उससे संसार में छिपे विष तुल्य सुखों में व्यर्थ नष्ट कर देते हैं। उक्त विचार पूर्वांचल की शक्तिपीठ मां शीतला चैकियां धाम में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा में महाराष्ट्र से पधारे स्वामी श्री आत्म प्रकाश सरस्वती जी महाराज ने व्यक्त किया। उन्होंने आगे बताया कि भगवान की प्राप्ति के लिये ज्ञान, भक्ति, वैराग्य तीनों आवश्यक है। जाति, धर्म व भाषा के नाम पर समाज में जहर घोलने वाले इंसान भगवान की निगाह में सबसे बड़े अपराधी हैं, क्योंकि हर जाति, धर्म व भाषा के परमात्मा वही है। इस दौरान गोवर्धन पूजा व राधाकृष्ण व सखियों की आकर्षक झांकी प्रस्तुत की गयीं जिसको देखकर भक्त भाव-विभोर हो गये। इस अवसर पर मनोज मौर्य, प्रवीण पण्डा, दीपक राय, सचिन गिरि, मेवा लाल यादव, संतोष मौर्य, विनय कुमार, राजेन्द्र साहू, मदन साहू, विपिन माली के अलावा सैकड़ों भक्तजन उपस्थित रहे।