भाई के माथे पर तिलक बनकर बहनों ने मनाया भैया दूज का पर्व


जौनपुर। भाई-बहन के अटूट रिश्ते को मजबूती प्रदान करने वाला भैया दूज का पर्व मंगलवार को परम्परागत ढंग से मनाया गया। इस दौरान बहनों ने भाइयों के माथे पर तिलक लगाकर दीर्घायु होने की कामना किया। यम द्वितिया पर मनाया जाने वाला भाई-बहन के स्नेह का यह पर्व पूरे जनपद भर में हर्षोल्लास से मनाया गया। इसके पहले सुबह से घर-घर में चौक बनाकर उसमें भटकइया, सुपाड़ी सहित अन्य सामग्री के साथ मूसल से सुपाड़ी फोड़कर यम देवता का पूजन किया गया। पौराणिक कथाओं के अनुसार एक भाई-बहन में बड़ा प्रेम था। उसके बहनोई ने उसे सम्पत्ति की लालच में फंसा दिया। उसे जज ने फांसी की सजा सुनायी। जज ने पूछा कि तुम्हारी अंतिम इच्छा क्या है तो जवाब दिया कि मैं अपनी बहन से भैया दूज का टीका लगवाना चाहता हूं। बहनोई सब कुछ जानता था। उसने कुचक्र रचकर उसे जाने से मना करवा दिया। इस पर उसने मन ही मन भगवान की पूजा की जिस पर भगवान प्रकट हुये और उसे कुत्ते का रूप दे दिये। वह नाली के रास्ते अपनी बहन के पास पहुंचा तो देखा उसकी बहन सिल पर रोचना पीस रही थी। वह उसे चाटने लगा। इतने में बहन ने उसे हाथ से मारा तो वह हाथ उसके मत्थे पर लग गया और वह अमर हो गया। फिर वह उसी रास्ते जेल में पहुंचा। फिर क्या था। उसकी सजा माफ हो गयी और बदले में बहनोई को जेल हो गयी। तभी से भाई-बहन के इस प्रतीक पर्व को भैया दूज के रूप में जाना जाता है। ऐसी भी मान्यता है कि यम द्वितीया के दिन बहन के घर भोजन करने के उपरांत विश्राम करके स्वर्ग की प्राप्ति होती है। इस पर्व पर टीके के उपरान्त बहन जहां भाई के लम्बी उम्र की कामना करती है, वहीं भाई भी अपनी बहनों की रक्षा का वचन के साथ उपहार देते हैं। जिला मुख्यालय से लेकर ग्रामीणांचलों तक में भाई-बहन के इस महापर्व की काफी धूम रही।

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