पर्यावरण के प्रहरी मदन मोहन ने वृक्षों के संरक्षण के लिये लगायी गुहार
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जौनपुर। जलालपुर क्षेत्र के डिंगुरपुर निवासी ग्रीन ब्याय उपाधि व वर्ष
1998 में मालवीय पर्यावरण पुरस्कार से सम्मानित मदन मोहन यादव पेड़ों के
संरक्षण के लिये दर-दर की ठोंकरें खा रहे हैं। बुधवार को पत्रकारों के बीच
अपनी पीड़ा कहते हुये श्री यादव ने बताया कि डिंगुरपुर में उनके द्वारा दो
दशक पूर्व बखरी (कच्चा मकान) के गिर जाने पर सैकड़ों शीशम का पौध रोपित किया
गया था जो बड़े वृक्ष हो गये हैं। पारिवारिक भूमि के बगल में निवास करने
वाले एक व्यकित द्वारा आये दिन अपनी गायों को वृक्षों में बांधकर पेड़ों को
क्षति पहुंचाया जाता है। इसके चलते कई वृक्ष के जड़ों में मिट्टी का अभाव
होने से वे गिर गये या सूख गये। इतना ही नहीं, उक्त व्यक्ति अपने मकान के
पास के वृक्ष को काटकर क्षतिग्रस्त भी करता रहा है। उन्होंने बताया कि वह
कई बार उसे समझाने का प्रयास किये परन्तु वह नहीं मान रहा हैं। उल्टे धमकी
देते हैं कि मैं सारे पेड़ों को काटकर जला दूंगा। इसी को लेकर कुछ दिन पहले
सैकड़ों वृक्षों के बाग में आग लगाकर भारी हानि पहुंचायी गयी। उन्होंने
बताया कि एक तरफ प्रधानमंत्री द्वारा पर्यावरण को स्वच्छ बनाने के लिये
लोगों को अधिक से अधिक पौधरोपण के लिये आग्रह किया जा रहा हैं, वही दूसरी
तरफ उपरोक्त जैसे लोग वृक्षों को हानि पहुंचाकर नष्ट किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि इसकी सूचना जलालपुर थाने पर कई बार लिखित रूप से दी जा
चुकी है, मगर कोई भी कार्यवाही अभी तक नहीं हुई है। अन्त में उन्होंने
बताया कि अब तक उन्होंने 1 लाख पौधे अपने हाथ से लगा चुके हैं।