उद्यमी बनेंगे किसान : डॉ रमेश यादव

 

जौनपुर: कृषक उत्पादक संगठन एवं व्यवसायिक गतिविधियों के प्रोत्साहन हेतु कृषक उत्पादक संगठन नीति 2020 के अंतर्गत शुक्रवार को कृषि भवन सभागार में एक कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें जनपद के प्रगतिशील कृषको ने प्रतिभाग किया। कार्यशाला में उपस्थित कृषक उत्पादक संगठन के संचालकों एवं जनपद के प्रगतिशील किसानों को संबोधित करते हुए उप परियोजना निदेशक 'आत्मा' कृषि प्रसार डॉ रमेश चंद्र यादव ने बताया कि जनपद जौनपुर एक कृषि प्रधान जिला है जिसकी दो तिहाई आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है जिनकी आजीविका खेती एवं उससे जुड़े हुए अन्य कार्यों पर निर्भर है। जनपद में कृषक परिवारों की कुल संख्या 816664 है इसमें से 89% सीमांत कृषक एवं 8% लघु कृषक तथा तीन % बड़े किसान हैं। कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र की आय तुलनात्मक रूप में अन्य व्यवसाय, सेवा क्षेत्रों से कम होने के कारण छोटे कृषक सपरिवार जीविकोपार्जन हेतु शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं तथा आर्थिक रूप से सक्षम कृषकों की अगली पीढ़ी उच्च शिक्षा प्राप्त कर कृषि क्षेत्रों में कार्य करने को प्राथमिकता दे रहे हैं। अतः जनपद के सतत बढ़ती आबादी के खाद्य एवं पोषण सुरक्षा हेतु कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों के उत्पादकता एवं गुणवत्ता के स्तर में निरंतर वृद्धि आवश्यक है इसके दृष्टिगत प्रदेश सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र को आकर्षक एवं लाभदायक तथा स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर सृजित करने के उद्देश्य से कृषकों को विशेषकर लघु सीमांत श्रेणी केकिसानों को संगठित कर कृषक उत्पादक संगठनों के गठन एवं प्रोत्साहन हेतु एक नीति बनाए जाने का निर्णय लिया गया है। कृषक उत्पादक संगठनों के माध्यम से गुणवत्ता युक्त कृषि निवेशों की सामायिक उपलब्धता एवं नवीनतम तकनीकी के प्रयोग से उत्पादन उत्पादकता में अपेक्षित वृद्धि के साथ ही विपणन योग्य कृषि उत्पादों का प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन पर लाभदायक मूल्य पर विक्रय कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि कृषक उत्पादक संगठन कंपनी अधिनियम 1956 के अधीन पंजीकृत ऐसा व्यवसायिक निकाय है जिसमें कृषक प्राथमिक उत्पादक अथवा उनके समूह संगठित होकर कृषि एवं संबंधित क्षेत्रों से आवश्यक निर्देशों की व्यवस्था व नवीनतम तकनीकी प्रयोग से लेकर अपने उत्पादों के भंडारण, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन एवं विपणन तक के समस्त व्यवसायिक गतिविधियों का संचालन एवं अपने सदस्य कृषकों को विभिन्न प्रकार की सेवाएं उपलब्ध कराने का कार्य करते हैं कृषक उत्पादक संगठनों को उनके उत्पादों के प्रकार एवं इनकी मांग पूर्ति की संभावनाओं के आधार पर क्लस्टर के रूप में गठित किया जाएगा जो कृषक प्राथमिक उत्पादों के आर्थिक एवं सामाजिक उन्नयन में सहायक सिद्ध हो तथा कृषि को उद्यमिता के रूप में स्थापित किया जा सके एफपीओ के गठन हेतु नाबार्ड एवं कृषि विभाग एफ0 पी0ओ0 को उनकी क्षमता विकास के लिए समय-समय पर प्रशिक्षण के साथ-साथ ऋण भी मुहैया कराएगा, जिस पर भारत सरकार द्वारा 3% का अनुदान देय होगा। धर्मापुर प्रोड्यूसर कम्पनी की सीईओ संध्या सिंह ने बताया कि किसान संगठित नही है इसलिए उचित लाभ नहीं मिल रहा है जब संगठित होकर एफपीओ के रूप में कार्य करेंगे तो निश्चित लाभ प्राप्त होगा। अध्यक्षता करते हुए उप कृषि निदेशक जय प्रकाश ने कृषकों को एपीडा में पंजीकरण कराने का सुझाव दिया तथा कृषक उत्पादक संगठन को हर सम्भव सहयोग करने का आश्वासन दिया। डा. एके सिंह ने रबी फसलों के वेहतर उत्पादन की तकनीकी जानकारी दिया। कृषि वैज्ञानिक डा. सुरेंद्र प्रताप सोनकर ने आभार जताया। इस मौके पर अंजलि सिंह, मनोज सिंह, रमेश चंद्र तिवारी, सतईराम रामजीत मौर्य आदि प्रगतिशील किसान मौजूद रहे।

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