तदर्थ शिक्षकों ने डीएम को सौंपा ज्ञापन, हस्तक्षेप की मांग
https://www.shirazehind.com/2024/02/blog-post_197.html?m=0
जौनपुर : जनपद के माध्यमिक विद्यालयों के तदर्थ शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। इसमें शिक्षकों द्वारा उच्च न्यायालय इलाहाबाद में योजित याचिका में पारित आदेश का अनुपालन कराए जाने के लिए प्रभावी हस्तक्षेप की मांग करते हुए 4 जनवरी 2014 व 7 फरवरी 2024 के कोर्ट के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित कराये जाने की मांग की।
प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वाले माध्यमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष संतोष कुमार सिंह ने सिद्धार्थ उपवन में पत्रकारों से वार्ता के दौरान तदर्थ शिक्षकों का पक्ष रखा।
उन्होंने कहा कि हम तदर्थ शिक्षक लगभग 28-30 वर्षों से शैक्षणिक कार्य करते हुये राजकोष से वेतन आहरित कर रहे थे। इसी बीच 9 नवंबर 2023 के आदेश में नियुक्ति को अमान्य करने का शासनादेश निर्गत कर दिया गया। इससे व्यथित होकर पीडित शिक्षकों ने उच्च न्यायालय इलाहाबाद में सैकड़ो याचिकायें योजित की जो मूल याचिका विनोद कुमार श्रीवास्तव व अन्य बनाम उप्र सरकार व अन्य में सम्बद्ध की जा चुकी है। इसमें 4 जनवरी को पारित आदेश द्वारा याचियों को कार्य करने एवं वेतन भुगतान करने का आदेश प्रदान किया गया, तथा शिक्षकों के विनियमितिकरण के संबंध में निर्देश प्रदान किया गया। श्री सिंह ने बताया कि संयुक्त शिक्षा निदेशक वारणसी मंडल ने अद्यतन शिक्षकों के विनियमितिकरण हेतु भेजे गये समस्त प्रकरणों को एक सिरे से निरस्त करते हुये लंबी सेवाओं को समाप्त किया जा रहा है। यह अत्यधिक चिंता का विषय है।
उन्होंने कहा कि आज की स्थति में उच्च न्यायालय के आदेश का अनुपालन करने हेतु जिला विद्यालय निरीक्षक को कई प्रत्यावेदन देने के उपरांत भी न्यायालय के आदेश का अनुपालन नहीं किया जा रहा है।
श्री सिंह ने कहा कि इसी बीच जिला विद्यालय निरीक्षक ने तदर्थ शिक्षको को यूपी बोर्ड परीक्षा 2024 में प्रतिभाग न करने का आदेश भी निर्गत कर दिया गया। जबकि उच्च न्यायालय ने 13 फरवरी 2024 के आदेश में शिक्षकों को बोर्ड परीक्षा 2024 में कार्य करने का आदेश प्रदान किया गया है।
प्रतिनिधिमंडल में रमाशंकर पाठक, विनय ओझा, अजय सिंह, अनिल यादव रवीश सिंह अजय सिंह, राघवेंद्र सिंह, अखिलेश, राजेश पांडे, रंजना चौरसिया, बिंदु सिंह, सुषमा गुप्ता, रमेश सिंह आदि शामिल रहे।