बसपा का टिकट फाइनल होने के बादला सियासी माहौल ,संघर्ष बड़ा भीषण होने के आसार
भारतीय जनता पार्टी ने महाराष्ट्र में 40 वर्षो तक कांग्रेस पार्टी का जिन्दा बाद करने वाले पूर्व मंत्री कृपाशंकर सिंह को मैदान में उतार दिया है। हाईकमान द्वारा प्रत्याशी थोपे जाने के स्थानीय नेताओं कार्यकर्ताओं में मायूसी है। कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए भाजपा के बरिष्ठ नेता, मंत्री और विधायक पूरी कोशिश कर रहे है इसके बाद भी उनका जख्म अभी तक पूरी तरह से भरा नही है।
उधर समाजवादी पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व भी भाजपा की राह चलते हुए बांदा जनपद के निवासी बसपा सरकार में चर्चित रहे बाबू सिंह कुशवाहा को टिकट देकर स्थानीय नेताओं कार्यकर्ताओ का दिल तोड़ दिया है। कुछ सपा के युवा कार्यकर्ता पार्टी के फैसले के खिलाफ खुलकर सामने आ गये है। तमाम नेता आज भी लखनऊ में डेरा डालकर प्रत्याशी बदलने के लिए पूरा प्रयास कर रहे है।
भाजपा और सपा द्वारा हवाई प्रत्याशी थोपे जाने से जहां दोनो पार्टियों के नेता कार्यकर्ता नाखूश है वही आम मतदाताओं में कोई जोश नही दिखाई पड़ रहा है।
ऐसे में मौके की नजाकत को देखते हुए बसपा सुर्पीमों मायावती ने राजनीति के मैदान में छक्का मार दी। उन्होने बीजेपी और सपा प्रत्याशी को सियासी मैदान में आउट करने के लिए जेल में बंद पूर्व बाहुबली सांसद धनंजय सिंह की पत्नी जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीकला सिंह को हाथी पर सवार करके मैदान में उतार दी है।
श्रीकला के मैदान में आते ही जहां धनंजय सिंह के समर्थको में युवा जोश दिखाई पड़ रहा है वही आम जनता को स्थानीय प्रत्याशी मिलने से खुशी है।
राजनीति के जानकारो से लेकर आम जनता तक बस एक चर्चा हो रही है कि बसपा प्रत्याशी के पति धनंजय सिंह का मल्हनी विधानसभा का करीब 80 हजार व्यक्तिगत वोट और बसपा की परम्परागत मतो के सहारे चुनावी मैदान में पूरी मजबूती से बैटिंग करती नजर आयेगीं। उधर कई तमाम लोगों का मानना है जहां बीएसपी प्रत्याशी पति के बदौलत भाजपा के वोट बैंक में सेधमारी करेगीं तो वही सपा के किले में हाथी दौड़ाती नजर आयेगी।
भाजपा और सपा भी अपने वोट बैंक चलते पूरी मजबूती के साथ मैदान में लड़ती नजर आयेगी।
फिलहाल मैदान में बाजी कौन मारेगा यह तो चार जून को मतगणना के बाद पता चल पायेगा फिलहाल इस सीट पर भाजपा, सपा और बसपा में त्रिकोणी लड़ाई होने का अनुमान है।