31 जुलाई तक करायें फसलों का बीमा: डा. रमेश चन्द्र
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जौनपुर। प्रकृति की मार से फसलों में होने वाली क्षति से किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना बचाएगी। जनपद में खरीफ की सात फसलों का बीमा किया जा रहा है, इसके लिए किसानों को दो प्रतिशत मामूली प्रीमियम देना होगा। बीमा की जिम्मेदारी एसबीआई जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को सौंपी गई है। पहले कर्ज से उगायी गयी फसलों का खुद बीमा हो जाता था किन्तु अब योजना को ऐच्छिक कर दी गई है। कृषकों के लिए 31 जुलाई तक की तिथि निर्धारित की गई है। प्राकृतिक आपदाओं से फसलों के नुकसान होने पर किसानों के आर्थिक क्षति की भरपाई करने के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू किया है। जनपद में खरीफ की धान, मक्का, उर्द, बाजरा, ज्वार, तिल और अरहर की फसल का बीमा किया जाएगा। इसके लिए किसानों को प्रीमियम का मात्र दो प्रतिशत का भुगतान करना होगा। बाकी धनराशि सरकार द्वारा दी जाएगी।
अधिसूचित क्षेत्रों में प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों के कारण फसल की बुवाई न कर पाने, असफल बुवाई की स्थिति फसल की बुवाई से कटाई के समयावधि में प्राकृतिक आपदाओं सूखा, बाढ़, जल प्लावन, ओला, भूस्खलन, आकाशीय बिजली से आग, तूफान चक्रवात, रोगों, कीटों आदि से खड़ी फसल नष्ट होने पर बीमा का लाभ मिलता है। ओलावृष्टि, भूस्खलन, जल प्लावन तथा फसल की कटाई के बाद आगामी 14 दिनों तक खेत में सूखने के लिए रखी गई फसल की क्षति पर बीमा का लाभ मिलेगा। किसानों को क्षति के 72 घंटे के अंदर संबंधित बैंक, बीमा कंपनी, कृषि विभाग को सूचना देना होगा। उप परियोजना निदेशक आत्मा डा. रमेश चंद्र यादव ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना व पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना में शामिल न होने वाले ऋणी किसानों को संबंधित बैंकों में लिखित सूचना देना होगा, अन्यथा उनके खाते से प्रीमियम कटौती कर योजना से जोड़ दिया जायेगा। गैर ऋणी कृषक सीएसी से अपनी फसलों का बीमा करा सकते हैं। उन्होंने बताया कि वर्षात कम होने से उत्पादन घटना स्वाभाविक है। ऐसे में अधिक से अधिक किसान अपनी फसलों का बीमा अवश्य कराए ताकि नुकसान की भरपाई फसल बीमा योजनान्तर्गत हो सके।