गुजरात लॉबी यूपी से लड़कर अपनी बची-खुची प्रतिष्ठा गंवा देगी
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उत्तर प्रदेश की सियासत में गुजरात लाबी के कुछ नेता अपने निजी स्वार्थ हित में हस्तक्षेप बन्द नहीं किया तो यूपी से लड़कर अपनी बची-खुची प्रतिष्ठा भी गंवा देगी। भाजपा की भविष्य मे अपूर्णीय क्षति नुकसान होने से कोई रोक नही सकता है। भाजपा के रणनीतिकारों एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तत्काल स्वत: संज्ञान नहीं लिया तो भाजपा में अनुशासन समाप्त हो जायेगा। कई दशकों तक भाजपा को पुनः अनुशासन लाने में बहुत बड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी जबकि यह सर्वविदित था कि भाजपा सबसे अनुशासित पार्टी थी अब अनुशासन धीरे-धीरे समाप्त हो रहा है। स्मरण रहे कि केंद्र में सरकार अटल जी की थी। यूपी में कल्याण सिंह की सरकार थी। कुछ लोग अपने निजी स्वार्थवश दोनों महानुभावों के बीच ऐसी परिस्थितियां पैदा कर दीं। एक—दूसरे से बातचीत बन्द हो गई। वहीं हुआ, जो नहीं होना चाहिए था। आपसी लड़ाई से भाजपा केन्द्र एवं राज्य की सत्ता से दूर हो गई थी।
दशकों तक भाजपा सत्ता से दूर रही। गुजरात लॉबी को पुरानी उपरोक्त घटनाओं में सबक लेने की जरूरत है। भाजपा को दयनीय स्थिति में लाने का जिम्मेदार कौन है? भाजपा के रणनीतिकारों ने समय रहते इस मुद्दे पर गहन मुद्दे पर शीघ्र निर्णय नहीं लिया तो उत्तर प्रदेश के रिक्ति विधानसभा के उपचुनाव एवं महाराष्ट्र, हरियाणा एवं झारखंड के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस से भी दयनीय स्थिति में पहुंचने में देर नहीं लगेगी। भाजपा के प्रमुख रणनीतिकार तथा भाजपा के अब तक पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्षों एवं भाजपा के स्तम्भ रहे, पूर्व मुख्यमंत्री रहे लोगों को आगे आकर तत्काल प्रभाव से भाजपा के निर्विवाद वरिष्ठ नेता को राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित करने में अपना योगदान दे जिससे भाजपा में गुटबाजी बन्द हो जायेगी।
ध्रुवचन्द जायसवाल
राष्ट्रीय अध्यक्ष
अपना समाज पार्टी