दरिंदे पिता को उम्र कैद, नाबालिक दो पुत्रियों के साथ दुष्कर्म करने का आरोप
•जिरह में वादिनी व एक पीड़िता ने दुष्कर्म से किया था इनकार
जौनपुर। अपर सत्र न्यायाधीश (विशेष न्यायालय पाक्सो) उमेश कुमार की अदालत ने अपनी अवयस्क पुत्रियों के साथ दुष्कर्म करने के आरोपी पिता को आजीवन कारावास व 54000 रूपए अर्थदंड से दंडित किया।अभियोजन कथानक के अनुसार सुरेरी थाना क्षेत्र निवासी एक महिला ने अभियोग पंजीकृत करवाया की उसके पति अपनी 15 वर्षीया व 13 वर्षीया नाबालिग पुत्रियों के साथ पिछले 6 माह से दुष्कर्म कर रहे थे। पुत्री को जान से मारने की धमकी देते थे इसलिए उन्होंने मुझे नहीं बताया। अब बताने पर अपनी मां व भाई को साथ लेकर थाने पर मुकदमा दर्ज करवाने आई हूं।
न्यायालय में साक्ष्य परीक्षण जिरह के दौरान वादिनी आरोपी की पत्नी ने कहा कि मेरे पति मेरा व बच्चों का ध्यान नहीं रखते थे और मुझसे छुपा कर चोरी चोरी जमीन बेच दिया करते थे जिससे आए दिन विवाद होता था। जिसका मुकदमा लिखाने मैं थाने गई थी। मैं पढ़ी-लिखी नहीं हूं अँगूठा लगाती हूँ। किसी व्यक्ति ने जमीन बेचने के विवाद की बजाय मेरे पति के विरुद्ध अपनी ही पुत्री से दुष्कर्म करने के आरोप में तहरीर लिख दिया था और एफआईआर दर्ज हो गया था, जो गलत है। मेरी पुत्रियों ने मुझसे कभी नहीं कहा कि मेरे पिता मेरे साथ दुष्कर्म करते हैं। उम्मीद करती हूं कि अब वे मेरी व पुत्रियों की देखभाल करेंगे और जमीन नहीं बचेंगे। उनके पक्षद्रोही हो जाने पर एक पुत्री ने घटना की पुष्टि करते हुए बयान दिया की पिता ने दुष्कर्म किया था।
शासकीय अधिवक्ता राजेश कुमार उपाध्याय व कमलेश राय के द्वारा परीक्षित कराए गए गवाहों के बयान व पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों के परिशीलन के पश्चात अदालत ने आरोपी पिता को दोषसिद्ध पाते हुए भादंवि की धारा 376 व पाक्सो ऐक्ट के अंतर्गत आजीवन कारावास व 54000 रूपए अर्थदंड से दंडित किया।